अभिजीत पांडे
पटना। महागठबंधन में 9 लोकसभा चुनाव सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस मात्र 3 सीटों पर ही प्रत्याशियों के नाम तय किए हैं। जो स्थिति दिख रही है, उससे लगता है कि कांग्रेस अभी राजग के बागियों का इंतजार कर रही है।महागठबंधन में सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस को 9 सीट मिली है. जिसमें किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, पटनासाहिब, सासाराम और महाराजगंज की सीट है।
दूसरे चरण के चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। लेकिन कांग्रेस ने अब तक मात्र तीन लोकसभा क्षेत्र के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है। किशनगंज से सांसद मो जावेद, कटिहार से तारिक अनवर और भागलपुर से अजित शर्मा को टिकट मिला है। बाकी बची 6 सीटों पर
कांग्रेस अभी तक यह नहीं तय कर पा रही है कि उनके कौन से उम्मीदवार एनडीए के प्रत्याशी को टक्कर दे सकते हैं। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बाकी की 6 सीटों पर अभी तक ना तो स्क्रीनिंग हुई है और ना ही किसी का नाम सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के पास भेजा गया है।
कांग्रेस की नजर बीजेपी के बागी नेताओं पर है। मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का बीजेपी ने टिकट काट दिया। ऐसे में नाराज अजय निषाद कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।अब चर्चा यह है कि अजय निषाद को कांग्रेस मुजफ्फरपुर से टिकट दे सकती है। वहीं सासाराम के सांसद छेदी पासवान का भी बीजेपी ने टिकट काट दिया है। छेदी पासवान के भी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा हो रही है । यदि छेदी पासवान कांग्रेस में शामिल होते हैं तो वह भी सासाराम से कांग्रेस प्रत्याशी के दावेदार रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी की ऐसी स्थिति का मुख्य कारण है क्षेत्रीय दलों के भरोसे आगे की राजनीति करना। उत्तर प्रदेश में जब से मुलायम सिंह यादव के साथ बिहार में लालू प्रसाद के साथ मिलकर कांग्रेस आगे की राजनीति की, उसके बाद वहां कांग्रेस का जनाधार काम होता चला गया। बिहार के अनेक राज्यों में कांग्रेस धीरे-धीरे सिमटी चली गई।बिहार कांग्रेस के नेताओं को अभी तक यह नहीं पता है कि बाकी बची 6 सीटों पर कौन चुनाव लड़ेगा। यानी मैदान ले लिए और पहलवान खोज रहे हैं।