पीएम मोदी ने कहा, “कुछ लोग ये ही मानते हैं कि हिन्दुस्तान 1947 में पैदा हुआ और भारत में पिछले 75 सालों में जिसको 50 साल काम करने का मौका मिला उनकी नीतियों पर भी इस मानसिकता का प्रभाव रहा जिससे कई विकृतियां पैदा हुई हैं। ये लोकतंत्र आपकी मेहरबानी से नहीं है।”
द न्यूज 15
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर करारा प्रहार किया। पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों साल पंजाब आतंकी आग में न जलता, अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती। वहीं, पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस स्टेशन पर मोदी चाय बेच रहे थे, उसे कांग्रेस ने ही बनाया था।
कपिल सिब्बल ने कहा, “गोवा, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में चुनाव हो रहा है, तो यह भाषण मैदान का भाषण था।” कांग्रेस पर पीएम मोदी के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने कहा, “मैं भी उनको इतिहास समझाना चाहता हूं कि जिस स्टेशन पर वो चाय बेच रहे थे, उस स्टेशन को कांग्रेस ने ही तो बनाया था। अगर स्टेशन कांग्रेस ने बनाया न होता, तो वो चाय कैसे बेचते।” सिब्बल ने कहा कि आईआईटी और आईआईएम मोदी ने नहीं बनाए, ये कांग्रेस ने बनाए थे। इसके पहले, राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, भारत विदेशी चश्मे के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता, अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता।”
पीएम मोदी ने कहा, “अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों साल पंजाब आतंकी आग में न जलता, अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती। अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होतीं, अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य मानवी को मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता।”
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं। भारत को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों का है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को अपने दलों में भी विकसित करें।”
दूसरी तरफ, त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा द्वारा दिए गए इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। उनके इस्तीफे के साथ, सदन में भाजपा विधायकों की संख्या 33 हो गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 36 सीटें जीती थीं।
कपिल सिब्बल ने कहा, “गोवा, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में चुनाव हो रहा है, तो यह भाषण मैदान का भाषण था।” कांग्रेस पर पीएम मोदी के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने कहा, “मैं भी उनको इतिहास समझाना चाहता हूं कि जिस स्टेशन पर वो चाय बेच रहे थे, उस स्टेशन को कांग्रेस ने ही तो बनाया था। अगर स्टेशन कांग्रेस ने बनाया न होता, तो वो चाय कैसे बेचते।” सिब्बल ने कहा कि आईआईटी और आईआईएम मोदी ने नहीं बनाए, ये कांग्रेस ने बनाए थे। इसके पहले, राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, भारत विदेशी चश्मे के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता, अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता।”
पीएम मोदी ने कहा, “अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों साल पंजाब आतंकी आग में न जलता, अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती। अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होतीं, अगर कांग्रेस न होती तो देश के सामान्य मानवी को मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार न करना पड़ता।”
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं। भारत को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों का है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को अपने दलों में भी विकसित करें।”
दूसरी तरफ, त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा द्वारा दिए गए इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। उनके इस्तीफे के साथ, सदन में भाजपा विधायकों की संख्या 33 हो गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 36 सीटें जीती थीं।