नई दिल्ली। स्वराज इंडिया मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की गिरफ्तारी की निंदा करता है। स्वराज इंडिया जकिया जाफरी बनाम गुजरात याचिका में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भी चिंता व्यक्त करता है, जिसके आधार पर तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया। उच्चतम न्यायालय के फैसले ने याचिका को “असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ दूसरों के द्वारा, मुद्दे को जीवित रखने के लिए और झूठे अभिप्राय के लिए, सनसनी पैदा करने का एक संयुक्त प्रयास”, और याचिकाकर्ताओं के लिए “कार्रवाई की आवश्यकता” का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं और पीड़ितों को न्याय की मांग करने वालों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।
तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग से नागरिकों और नागरिक समाज को आतंकित और भयभीत करने का एक प्रयास है। तीस्ता सीतलवाड़ एक समर्पित नागरिक रही हैं, जिन्होंने कानूनी उपायों के माध्यम से सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों की मदद की, और सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा में बहुत योगदान दिया है। स्वराज इंडिया तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और अन्य कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा करता और उनकी तत्काल रिहाई और झूठे मामलों को वापस लेने की मांग करता है।
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