ईमानदार, मेहनती और सनातनी बन चुके हैं चेहरा
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ के भविष्य को लेकर उत्तर प्रदेश में कई तरह की चर्चाएं और अटकलें चल रही हैं, लेकिन कोई ठोस जानकारी या आधिकारिक घोषणा उपलब्ध नहीं है जो यह स्पष्ट करे कि उनके साथ क्या होने वाला है। मैं कुछ प्रमुख बिंदुओं के आधार पर स्थिति का विश्लेषण देता हूँ, जो हाल के वेब परिणामों और X पोस्ट्स से मिले हैं। योगी आदित्यनाथ बीजेपी के ऐसे मुख्यमंत्री हैं। जिनके सामने पीएम मोदी और गृह मंत्री की खास चली नहीं है। जितनी भी उनकी तांग खिंचाई हुई वह उतने ही मजबूत होकर उभरे हैं।
योगी आदित्यनाथ के खिलाफ न केवल केवल दोनों मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, अनुप्रिया पटेल और राजभर के खुलकर मोर्चा खोलने पर पर भी उनका कुछ न बिगड़ पाया। अब तो चर्चा यह चल रही है कि मोदी के बाद योगी देश के प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। वह आमने वाले समय में बीजेपी की ओर से पीएम मोदी पद के उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं।
राजनीतिक स्थिति और संगठनात्मक बदलाव
बीजेपी संगठन में फेरबदल: उत्तर प्रदेश बीजेपी में जनवरी 2025 तक संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव की संभावना है। नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति और 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। योगी आदित्यनाथ इन बदलावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, और उनकी उपस्थिति दिल्ली में हुई बैठकों में देखी गई।
उपचुनाव में सक्रियता: 2024 में हुए 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में योगी ने बीजेपी की जीत के लिए सक्रिय रणनीति बनाई, जिसमें 7 सीटें जीतकर उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत की। यह उनकी राजनीतिक ताकत को दर्शाता है।
उपचुनाव में सक्रियता: 2024 में हुए 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में योगी ने बीजेपी की जीत के लिए सक्रिय रणनीति बनाई, जिसमें 7 सीटें जीतकर उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत की। यह उनकी राजनीतिक ताकत को दर्शाता है।
महाकुंभ 2025 और विकास परियोजनाएं
महाकुंभ की तैयारी: योगी आदित्यनाथ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हैं। इसे “नई अयोध्या” बनाने की उनकी कोशिश एक बड़ी चुनौती और अवसर दोनों है। गंगा एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जो उनकी सरकार की प्राथमिकता में है।
आर्थिक लक्ष्य: योगी सरकार ने 2029 तक उत्तर प्रदेश को देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। राज्य का GSDP 2016-17 में 12.89 लाख करोड़ से बढ़कर 27.51 लाख करोड़ हो गया है, और 2025-26 के लिए 30.77 लाख करोड़ का लक्ष्य है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स भी उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं।
आर्थिक लक्ष्य: योगी सरकार ने 2029 तक उत्तर प्रदेश को देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। राज्य का GSDP 2016-17 में 12.89 लाख करोड़ से बढ़कर 27.51 लाख करोड़ हो गया है, और 2025-26 के लिए 30.77 लाख करोड़ का लक्ष्य है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स भी उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं।
विवाद और चुनौतियाँ
लोकसभा चुनाव 2024 की हार: 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का यूपी में केवल 33 सीटें जीतना योगी के लिए बड़ा झटका रहा, खासकर अयोध्या में हार। यह उनकी छवि पर सवाल उठाता है, और 2025 में उन्हें अयोध्या में फिर से विश्वास जीतने की चुनौती है।
विपक्ष का हमला: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी दल योगी सरकार पर कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, और वक्फ संपत्ति जैसे मुद्दों पर हमलावर हैं।
आपराधिक मामले: योगी के खिलाफ 2008 से हेट स्पीच और हिंसा भड़काने जैसे कुछ मामले चल रहे हैं, जिनकी सीबीआई जांच की मांग इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है। हालांकि, इनका तत्काल प्रभाव उनकी स्थिति पर नहीं दिखता।
विपक्ष का हमला: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी दल योगी सरकार पर कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, और वक्फ संपत्ति जैसे मुद्दों पर हमलावर हैं।
आपराधिक मामले: योगी के खिलाफ 2008 से हेट स्पीच और हिंसा भड़काने जैसे कुछ मामले चल रहे हैं, जिनकी सीबीआई जांच की मांग इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है। हालांकि, इनका तत्काल प्रभाव उनकी स्थिति पर नहीं दिखता।
X पर चर्चाएँ और अफवाहें
X पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि योगी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोशिशें चल रही हैं, जैसे विधायकों के विद्रोह की साजिश। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का हवाला देते हुए कुछ पोस्ट्स कहती हैं कि योगी 2027 में फिर से मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।
कुछ यूजर्स का कहना है कि योगी की “बटेंगे तो कटेंगे” वाली राजनीति अब कम प्रभावी हो रही है, और 2024 के चुनाव में दलित-ओबीसी गठजोड़ ने उनकी रणनीति को चुनौती दी।
योगी ने खुद X पर कहा है कि वे एक योगी हैं और उनकी प्राथमिकता उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा है, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा।
कुछ यूजर्स का कहना है कि योगी की “बटेंगे तो कटेंगे” वाली राजनीति अब कम प्रभावी हो रही है, और 2024 के चुनाव में दलित-ओबीसी गठजोड़ ने उनकी रणनीति को चुनौती दी।
योगी ने खुद X पर कहा है कि वे एक योगी हैं और उनकी प्राथमिकता उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा है, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा।
संभावित भविष्य
मुख्यमंत्री के रूप में निरंतरता: योगी की सक्रियता, खासकर महाकुंभ और आर्थिक विकास पर फोकस, यह दर्शाती है कि वे फिलहाल अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन भी उनके पक्ष में दिखता है, जैसा कि अमित शाह के बयान से संकेत मिलता है।
राष्ट्रीय भूमिका की अटकलें: कुछ लोग योगी को भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यूपी में विकास का एक मजबूत मॉडल पेश करना होगा, जैसा कि मोदी ने गुजरात में किया था।
2027 विधानसभा चुनाव: योगी का भविष्य काफी हद तक 2027 के विधानसभा चुनाव पर निर्भर करेगा। अगर बीजेपी उनकी अगुवाई में तीसरी बार सत्ता में आती है, तो उनकी स्थिति और मजबूत होगी।
राष्ट्रीय भूमिका की अटकलें: कुछ लोग योगी को भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें यूपी में विकास का एक मजबूत मॉडल पेश करना होगा, जैसा कि मोदी ने गुजरात में किया था।
2027 विधानसभा चुनाव: योगी का भविष्य काफी हद तक 2027 के विधानसभा चुनाव पर निर्भर करेगा। अगर बीजेपी उनकी अगुवाई में तीसरी बार सत्ता में आती है, तो उनकी स्थिति और मजबूत होगी।