चंडीगढ़| पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लुधियाना कोर्ट बम धमाके पर कहा कि जिस एक व्यक्ति की मौत हुई है वो शायद वही व्यक्ति है जो इस बम को ऑपरेट कर रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि इस धमाके में अन्य पांच लोग भी घायल हुए हैं।
विस्फोट के बाद पंजाब राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पता चला है कि गृह मंत्रालय ने इस घटना पर पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा और अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए मौके पर पहुंचे पंजाब मुख्यमंत्री चन्नी ने मीडिया को बताया कि सरकार द्वारा नशीले पदार्थो के तस्करों के खिलाफ नकेल कसने के बाद इस तरह की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है।
विस्फोट के बारे में अंदेशा जताते हुए सीएम ने कहा कि “हमें लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पंजाब में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे कौन है, इसके बारे में जांच चल रही है। सरकार अलर्ट पर है। बहुत जल्द खुलासा होगा। ये घटना निंदनीय है।”
धमाका दोपहर करीब 12:22 बजे कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल के एक वॉशरूम में हुआ। यह घटना ऐसे समय पर हुई, जब कोर्ट में कामकाज चल रहा था। कोर्ट जिला आयुक्त कार्यालय के पास ही स्थित है।
घटना के बाद राज्य को अलर्ट पर रखते हुए डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा, “हम इस विषय म कुछ नहीं कह सकते”। केवल विशेषज्ञ ही बता सकते हैं कि किस तरह के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन जिला, राज्य और केंद्रीय फोरेंसिक एजेंसियां काम पर हैं। हर भीड़-भाड़ वाली जगह अलर्ट पर है और जनता को भी सावधान रहना चाहिए।”
इस घटना की निंदा करते हुए चन्नी ने कहा कि राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश करने वाली विरोधी ताकतें अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगी।
उन्होंने कहा, “हर कोई इन ताकतों के समय और करतूत को जानता है, क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और वे राज्य में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए इस तरह की साजिश रचने पर तुले हुए हैं।”
लुधियाना के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत भुल्लर ने मीडिया को बताया कि विस्फोट मानव बम से किया गया हो सकता है।
भुल्लर ने कहा, “हालांकि पुष्टि नहीं हुई है, जिस व्यक्ति का शव अंदर है और उसकी पहचान होनी बाकी है, वह या तो बम ले जा रहा था या वह घटनास्थल के बहुत करीब था। हम मामले की जांच कर रहे हैं।”
वकीलों की हड़ताल के कारण विस्फोट के समय अदालत परिसर में अधिक लोग मौजूद नहीं थे।
घटना के बाद अदालत परिसर को पुलिस ने घेर लिया और बाद में खाली करा लिया गया। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास की दीवारें और खिड़की के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए।
इस बीच, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पुलिस को मामले की तह तक जाना चाहिए।
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, “लुधियाना कोर्ट परिसर में विस्फोट की परेशान करने वाली खबर..दो लोगों की मौत के बारे में जानकर दुख हुआ। घायलों के ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। पंजाब पुलिस को इसकी तह तक जाना चाहिए।”
लुधियाना (पश्चिम) के विधायक भारत भूषण आशु ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस अधिकारियों को घटना की तह तक जाने के लिए विस्तृत जांच करने का निर्देश देते हुए, चन्नी ने जघन्य अपराध में शामिल अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और भविष्य में ऐसा अपराध न हो और दूसरों के लिए एक मिसाल पेश हो, इसके लिए उन्हें अनुकरणीय दंड देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
चन्नी ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने के इस तरह के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा।
स्वर्ण मंदिर में कथित बेअदबी की हालिया घटना और अब लुधियाना अदालत परिसर में बम विस्फोट को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी संकेत देते हैं कि कई लोग अपने निहित स्वार्थो के लिए सीमावर्ती राज्य में अशांति पैदा करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को ऐसी ताकतों के अपवित्र मंसूबों पर लगाम लगाने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही ऐसी असामाजिक ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देगी और कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर निर्दोष लोगों को आघात पहुंचाने के लिए इन्हें आतंक का माहौल बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, “हमारा एक सीमावर्ती राज्य है, इसलिए हम बाहरी ताकतों की संभावना सहित किसी भी चीज से इनकार नहीं कर सकते, क्योंकि वे कभी नहीं चाहते कि पंजाब स्थिर रहे। पूरा राज्य हाई अलर्ट पर है।