कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब से असम में पहुंची है तब से ही इस यात्रा को ले कर बवाल मचा हुआ है।भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को गुवाहाटी पहुंची, जिसे असम पुलिस ने रोक दिया। राहुल अपने काफिले के साथ गुवाहाटी शहर के बीच से गुजरना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। पुलिस ने गुवाहाटी सिटी जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी। जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा और प्रदर्शन किया। इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिए और राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की। इस घटना को लेकर राहुल ने कहा कि जिस रास्ते पर हमारी यात्रा को रोका गया है, उसी रास्ते से बजरंग दल और जेपी नड्डा की रैली निकली थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रास्ते पर लगे बैरिकेड हटा दिए हैं, लेकिन हमने कानून नहीं तोड़ा है।असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा, ‘ऐसा बर्ताव असमिया कल्चर का हिस्सा नहीं है। ये नक्सली गतिविधियां हमारी संस्कृति से अलग हैं। मैंने असम पुलिस के DGP को निर्देश दिया है कि वे राहुल गांधी के खिलाफ भीड़ को उकसाने के लिए FIR दर्ज करें और कांग्रेस ने जो वीडियो पोस्ट किए हैं, उन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल करें।’दरअसल, असम पुलिस ने वर्किंग डे का कारण बताकर न्याय यात्रा को शहर के अंदर ले जाने से मना किया था। पुलिस ने कहा था कि आज अगर न्याय यात्रा शहर में गई तो ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ जाएगी, इसलिए प्रशासन ने रैली को नेशनल हाईवे पर जाने का निर्देश दिया है।
राहुल की न्याय यात्रा 18 जनवरी को नगालैंड से असम पहुंची थी। 20 जनवरी को यात्रा अरुणाचल प्रदेश गई, फिर 21 को असम लौट आई। इसके बाद यात्रा 22 जनवरी को मेघालय निकली और मंगलवार को एक बार फिर असम पहुंची। राहुल की न्याय यात्रा 25 जनवरी तक असम में रहेगी।हिमंता बिस्व सरमा और कांग्रेस के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है। कांग्रेस सरमा पर यात्रा को प्रभावित करने का आरोप लगाती आ रही है। सरमा भी कांग्रेस को कई जिलों में नहीं जाने की सुझाव दे चुके हैं।
कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के आठवें दिन असम में राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की हुई। राहुल को बचाते हुए उनके सिक्योरिटी गार्ड उन्हें बस के अंदर वापस ले गए। घटना के दौरान राहुल का काफिला सोनितपुर में था। राहुल गाँधी ने घटना को लेकर कहा- आज BJP के कुछ कार्यकर्ता झंडा लेकर हमारी बस के सामने आ गए। मैं बस से निकला, वो भाग गए। हमारे जितने पोस्टर फाड़ने हैं, फाड़ दो। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।अपने संबोधन में राहुल गाँधी ने कहा कि राहुल गांधी आएं या न आएं ये महत्वपूर्ण नहीं बल्कि आप जिसे सुनना चाहते है। आपको उसे सुनने की आजादी दी जाए ये महत्वपूर्ण है। राहुल ने कहा कि सभी लोगों को अपनी मर्जी के मुताबिक जिंदगी जीने की इजाजत दी जानी चाहिए न कि किसी और की मर्जी से। उन्हों ने आगे कहा कि ये लोग आपको गुलाम बनाना चाहते हैं, लेकिन ब्रह्मांड की कोई भी ताकत ऐसा नहीं कर सकती। राहुल ने ये भी कहा कि सिर्फ असमनहीं बल्कि देश के हर स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में भी ऐसा हो रहा है, लोगों को अपनी कल्पना करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। आपको बता दें कि 22 जनवरी को भी राहुल गाँधी असम के नगांव स्थित शंकरदेव मंदिर में जाने से रोका गया है।
नगांव में स्थित ‘बोदोर्वा थान’ वो धर्मस्थल है, जिसे असम के संत श्री शंकरदेव का जन्मस्थान माना जाता है. ‘बोदोर्वा थान’ मंदिर को शंकरदेव मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है। राहुल गांधी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन शंकरदेव मंदिर में पूजा अर्चना करना चाहते थे लेकिन असम पुलिस ने उनको वहां पर भी रोक दिया जिसके बाद राहुल गाँधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर के बाहर ही धरने पर बैठ गए राहुल गाँधी ने कहा ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे कि कौन मंदिर में जाएगा। ‘मंदिर में केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। मैंने कोई गुनाह नहीं किया है, फिर हमें मंदिर में जाने से क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि “हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, हम बस मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे कि कौन मंदिर में जाएगा। मंदिर में केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। घटना के बाद राहुल गांधी ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।