बिहार में काम कर गई चिराग की चाल, चाचा की छीन ली पांच सीटें 

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चाचा पशुपति पारस को हाशिये पर धकेल चिराग ने ले लिया पार्टी छीनने का बदला 

टिकट बंटवारे में हारी ही बाजी जीते हैं चिराग पासवान 

बिहार NDA में फ़ाइनल हुआ सीट शेयरिंग

बीजेपी को 17, जेडीयू 16, चिराग की पार्टी को 5, उपेंद्र कुशवाहा को 1 और जीतन राम मांझी को भी मिली है एक सीट

खाली रहे गए चाचा पशुपति पारस  

 

चरण सिंह 

नई दिल्ली/पटना।  बिहार में रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने टिकटों के बंटवारे में अपने को साबित किया है। अपने अड़ियल रवैये और अपने समाज में पैठ दिखाकर उन्होंने एनडीए को पांच सीटें देने को मजबूर कर दिया। चिराग पासवान छह सीटें मांग रहे थे और पांच सीटें लेने में कामयाब हो गए। एनडीए में सीटों के बंटवारे में बिहार में बीजेपी को 17, जदयू को 16, लोजपा (रामविलास) को पांच सीटें मिली हैं। चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है।
दरअसल बिहार को ऐसे ही राजनीति की जननी नहीं कहा जाता है। इन लोकसभा चुनाव में बिहार में दो युवा नेता उभर कर सामने आये हैं। एक तेजस्वी यादव तो दूसरा चिराग पासवान। तेजस्वी यादव का चाहे विधानसभा में दिया गया भाषण हो या फिर गांधी मैदान में हुई जन विश्वास रैली में दिया गया भाषण तेजस्वी यादव ने अपनी भाषा शैली से लोगों का दिल जीता। पटना के गांधी मैदान में भीड़ भी देखने लायक थी। तेजस्वी यादव से भी आगे निकल गये चिराग पासवान।
चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस भले ही केंद्रीय राज्यमंत्री मंत्री बने रहे, भले ही उन्होंने पार्टी को चिराग पासवान से छीन लिया था पर लोकसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए पर ऐसा दबाव बनाया कि पासवान वोट बैंक के चलते एनडीए को उन्हें 5 सीटें देनी ही पड़ी। चिराग पासवान का खुलकर खेलना उनके काम आ गया। चिराग पासवान को इंडिया गठबंधन ने 7 सीटें देने का ऑफर भी दे दिया पर वह एनडीए से सीटें झटकने में लगे रहे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समझ में यह आ गया कि चिराग पासवान जीते न जीते पर उनका खेल जरूर बिगाड़ देंगे।
 चिराग पासवान की ताकत एनडीए ने गत विधानसभा चुनाव में देख ली थी। चिराग पासवान नीतीश कुमार को ललकारते हुए चुनाव लड़े और जदयू को 45 सीटों पर समेट दिया। जिस तरह से पशुपति पारस ने चिराग पासवान को हाशिये पर धकेल दिया था। ठीक उसी तरह से चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस को हाशिये पर धकेल दिया है। पशुपति पारस के साथ रहने वाले चारों सांसद चिराग पासवान के साथ अपना राजनीतिक भविष्य बनाने जा रहे हैं।
 बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है। गठबंधन में शामिल दलों ने तय किया कि बीजेपी 17, जेडीयू 16, चिराग की पार्टी 5, उपेंद्र कुशवाहा 1 और जीतन राम मांझी को एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

दिल्ली में सोमवार को सीट बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बातचीत हुई। एनडीए की बैठक में जेडीयू की तरफ से उमेश कुशवाहा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी, चिराग पासवान की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मौजूद रहे।

बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग फॉर्मूला

बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय हुआ है, उसके मुताबिक, बीजेपी बिहार की 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 16 सीटों पर लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के हिस्से में 5 सीटें आई हैं।

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक सीट और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को भी एक सीट मिली है। पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। NLJP को लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिली है।

बीजेपी को मिली ये सीटें

भारतीय जनता पार्टी पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम सीटें मिली हैं।

इन सीटों पर लड़ेगा जदयू

जदयू वाल्मीकि नगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर से चुनाव लड़ेगा।

लोजपा (रामविलास) को वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई सीटें मिली हैं।

हम से जीतन राम मांझी को गया सीट दी गई है।

आरलोमो के उपेंद्र कुशवाहा को काराकाट सीट लड़ने को दी गई है।

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