भगदड़ की न्यायिक जांच के दिए आदेश
दीपक कुमार तिवारी
प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ हादसे में मृतकों की जानकारी देते समय सीएम योगी आदित्यनाथ भावुक हो गए। उनका गला रुंध गया। उन्होंने मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद पहले से लगाई थी। तमाम आयोजनों में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की बात कही जा रही थी। इसके लिए तैयारी भी किए जाने का दावा किया गया। लेकिन, मंगलवार को उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में सफलता नहीं मिल पाई। इस कारण महाकुंभ मेला में दुखद हादसा हुआ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे को लेकर कहा कि इस पर सवाल उठेंगे। लेकिन, हमारी सरकार और प्रशासन की ओर से इस हादसे से निपटने की कोशिश की गई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ भगदड़ हादसे में मरने वालों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि हादसे में मरने वालों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं। इस हादसे की तीन सदस्यीय कमिटी जांच करेगी। महाकुंभ हादसे के बाद से ही सीएम योगी इस पर नजर बनाए हुए थे। सुबह से ही लगातार बैठकों का दौर चल रहा था। सुबह में हादसे की जानकारी देने के दौरान योगी आदित्यनाथ शांत नजर आए। लेकिन, शाम को हादसे में श्रद्धालुओं की मौत की जानकारी देते हुए वे भावुक हो गए और रोने लगे।
सीएम योगी ने कहा कि मौनी अमावस्या को लेकर मंगलवार शाम 7:00 बजे से ही काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन प्रयागराज पहुंचकर पूण्य स्नान कर रहे थे। काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन ब्रह्म मुहूर्त का भी इंतजार कर रहे थे। एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा इसी दौरान अखाड़ा मार्ग पर संगम के तट पर हुआ। सीएम ने कहा कि इस हादसे में 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
सीएम ने कहा कि यह हादसा भारी भीड़ के दबाव के कारण अखाड़ा मार्ग के वेरिफिकेशन को तोड़ने और उसके बाद उसे पार करके जाने के कारण हुआ है। इसी दौरान सीएम योगी भावुक होकर रोने लगे। उन्होंने रुंधे लगे से अटकते हुए कहा कि इस हादसे में 30 लोगों की दुखद मृत्यु हुई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 36 घायलों का प्रयागराज में उपचार चल रहा है। शेष घायलों को उनके परिवार के सदस्य लेकर चले गए हैं। घटना दुखद है। मर्माहत करने वाला है। घटना में प्रभावित हुए श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। हम लोग रात्रि से ही लगातार प्रशासन के संपर्क में हैं। मेला प्राधिकरण, पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत जितने भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको वहां पर तैनात किया गया है।
सीएम ने कहा कि व्यवस्थाओं का परिणाम है कि हादसे के कुछ ही देर के बाद प्रशासन-पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाल लिया। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। राहत और बचाव कार्य चलाए गए। हालांकि, हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है। इन सब मुद्दों पर प्रश्न उठना स्वाभाविक भी है।
मौनी अमावस्या अमृत स्नान को लेकर प्रयागराज में श्रद्धालुओं के दबाव पर भी सीएम योगी ने बात की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान मुख्य स्नान है। इसको लेकर प्रयागराज में बहुत ज्यादा प्रेशर होने के कारण सभी प्रकार के मार्ग चौक थे। रात्रि से ही प्रशासन उन मार्गों को खुलवाने और स्थिति को सामान्य करने के लिए पूरी तत्परता के साथ लगा भी रहा। इन सभी इंतजामों के बाद हादसा हुआ है। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद अखाड़ों अमृत स्नान के समय में बदलाव किया।
सीएम ने कहा कि अखाड़ों का अमृत स्नान ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 4:00 बजे से प्रारंभ होना था। मेला प्राधिकरण के अनुरोध पर इसमें बदलाव किया गया। दोपहर बाद अमृत स्नान प्रारंभ हुआ। इसमें सभी अखाड़ों और अन्य जो सहयोगी संस्थाएं हैं, उन लोगों ने भाग लिया। सभी पूज्य आचार्य, महामंडलेश्वर भी इस अमृत स्नान में भागीदार बने। शंकराचार्यों ने स्नान किया।