चंपारण: बाजार में प्याज और लहसुन के दामों में इजाफा, लोगों के आंख गिले तो जेब हुए ढ़िले

मोतिहारी । पिछले दो माह से प्याज और लहसुन के दाम बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। इनके दाम में बेकाबू बढ़ोतरी से खाने का स्वाद भी बदल गया है। बगैर लहसुन और प्याज के लोग सब्जियां बनाने पर मजबूर हो गए हैं। साथ ही आलू एवं हरा सब्जियों की कीमत में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। जिससे लोग चना और मटर को रसोई में तरजीह दे रहे हैं। बता दें कि इन दिनों खुदरा में लहसुन 250 से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। जबकि प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलो हो गया है। 15 दिनों के अंदर लहसुन के दाम में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हर रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के ऊंचे दामों ने लोगों के घर का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है।
सब्जियों के दाम बढ़ने से अक्टूबर में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का घर का बना खाना महंगा हो गया। इसका मुख्य कारण लगातार हो रही बारिश है, जिससे आपूर्ति कम हो गई है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और नासिक से मंडियों में नया प्याज और आलू आना शुरू हो गया है।
मोतिहारी के बाजार समिति में आलू और प्याज के थोक विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि आलू और प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और इसका असर बाजारों में दिख रहा है। आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बाजार में नया आलू और प्याज कम मात्रा में आ रहा है और पुराने आलू और प्याज को स्टोरेज में रखने से उसकी मजदूरी बढ़ जाती है जिससे बाजार में पहुंचते-पहुंचते उसकी कीमतें बढ़ जाती है। अभी बाजार में रोजाना 200 से 250 टन आलू आ रहा है। जबकि प्याज की आवक 70 से 80 टन ही है। अभी सबसे ज्यादा खेतों में बोए गए आलू की बिक्री हो रही है।
पिछले दो माह में प्याज के दाम दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। अगस्त के शुरूआत दिनों में प्याज 20 से 25 रुपए प्रति किलो था। आज 70 से 75 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं जून के माह में लहसुन का दाम स्थिर था, जो 30 से 40 रुपए किलो बिक रहा था। वहीं अब 250 से 300 रुपए प्रति किलो बाजारों में बिक रहा है। लोगों ने बताया कि प्याज की नई फसल भी बाजार में आ गई है फिर भी कीमत में उछाल आया हुआ है।
सब्जी व्यापारी ने बताया कि प्याज व लहसुन की बढ़ती कीमतों से 25 से 30 फीसदी ग्राहक कम हो गये हैं। इधर बाजार समिति मोतिहारी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष अशोक डालर ने बताया कि प्याज की नयी फसल आने के साथ मूल्य में गिरावट संभव है।

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