पटना। बिहार में गंगा नदी का जलस्तर घटते ही भीषण कटाव शुरू हो गया है। बक्सर, भागलपुर, पटना, बेगूसराय समेत कई इलाकों में कटाव जारी है। भागलपुर में पुलिया ध्वस्त हो गई। इस कारण पीरपैंती में बाखरपुर, बाबूपुर पंचायत समेत कई गाँवों का सम्पर्क टूट गया। बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी ने इस पुलिया का दो साल पहले ही निर्माण करवाया था। गंगा का घटता जलस्तर घटते ही पुलिया ध्वस्त हो गई। घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। कहा कि लाखों की लागत से बनी पुलिया ने जल समाधि ले ली है। इससे हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।
इधर, सबौर के घोषपुर इलाके में 25 मीटर तक सड़क कट गई। गंगा का जलस्तर घटते ही कटाव तेज है। प्रशासन ने इस सड़क पर परिचालन पर रोक लगा दिया है। प्रशासन की मानें तो जल्द ही सड़क की मरम्मती करवा दी जाएगी। इधर, पटना में गंगा का जलस्तर लाल निशान के नीचे आ गया है। जो लोग पलायन कर चुके थे, वह अब वापस लौट रहे हैं। नदी कटाव के कारण सैकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर, दियारा इलाके के स्कूल भी अगले सोमवार से खुल सकते हैं।
शेखपुरा के घाटकुसुम्भा प्रखंड में आयी बाढ़ के पानी में दर्जनों गांव प्रभावित हुए हैं। करीब 150 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिससे लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। वही जिला प्रशासन राहत के नाम पर बाढ़ पीड़ितों के बीच प्लास्टिक सीट का वितरण कर लोगों के ज़ख्म में मरहम लगाने में जुटी हुई है। वही स्वास्थ्य विभाग इस मुश्किल की घड़ी में नाव पर सवार होकर लोगों के बिच जाकर लोगों के साथ की जांच हुआ दबाव वितरण करने में जुटी हुई है। गौरतलब हो कि गंगा नदी में उफान के कारण हरोहर नदी में आई बाढ़ की वजह से घाटकुसुम्भा प्रखंड के पांचों पंचायतों के अलग-अलग गांवों में लोग प्रभावित हुए हैं। एक तरफ नदियों की बाढ़ जहां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा राहत और बचाव के कार्य भी तेजी के साथ किये जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रभावित परिवारों के लिए एक तरफ प्रशासन की ओर से जहां राहत सामग्री में पालिथीन सीट बांटी जा रही है।
घाटकुसुम्भा में बाढ़ के पानी से घाटकुसुम्भा, बेलौनी, सहरा, गुरेरा, बटौरा, सुजावलपुर, गदबदिया, अकरपुर, घाटकुसुम्भा, डीहकुसुम्भा, भदौसी, कोयला, बाउघाट, पानापुर, आलापुर, हरनामचक, महम्मदपुर, प्राणपुर सहित अन्य गांवों में बाढ़ के पानी से धान, मक्का, अरहर की फ़सल पानी में डूबकर बर्बाद हो चुकी है। बाढ़ के पानी निकलने की रफ्तार काफी धीमी है। जिससे लोगों की समस्या बढ़ी हुई है। ख़ासकर घर छोड़कर अन्यत्र स्थानों में शरण लेकर रह रहें लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं लें रही है। वही कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक घाटकुसुम्भा प्रखंड में 3352 हेक्टेयर में फसल लगाई गई थी। जिसमें 1400 हेक्टेयर में फसल क्षति का अनुमान लगाया गया है। हालांकि फसल क्षति के सर्वे का कार्य अभी चल हीं रहा है। जिससे यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।