ब्रह्माकुमारी सोनिका बहन ने शिवरात्रि का सच्चा अर्थ बताया

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उजियारपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, समस्तीपुर द्वारा राम जानकी हनुमान मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। प्रदर्शनी के दौरान सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर के दूसरे दिन ब्रह्माकुमारी सोनिका बहन ने शिवरात्रि और परमात्मा के दिव्य अवतरण का आध्यात्मिक महत्व समझाया।

सोनिका बहन ने बताया, “कलियुग में जब पाप और अज्ञानता अपने चरम पर होते हैं, तब भगवान शिव का इस सृष्टि पर अवतरण होता है। शिवरात्रि पर्व उसी दिव्य अवतरण का प्रतीक है। परमात्मा हमें सत्य ज्ञान देकर हमारे जीवन को पवित्र और उज्ज्वल बनाते हैं। व्रत का वास्तविक अर्थ केवल अन्न-जल का त्याग नहीं, बल्कि बुराइयों से दूर रहने का दृढ़ संकल्प है।”

उन्होंने शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले भांग, धतूरा और जल का अर्थ बताते हुए कहा कि यह हमारे भीतर के मनोविकारों का परमात्मा को समर्पण है। उपवास का अर्थ है परमात्मा के साथ निकटता और उनके दिव्य ज्ञान का अनुसरण करना। उन्होंने कहा, “परमात्मा अभी भारत भूमि पर आ चुके हैं और हमें सत्य मार्ग दिखा रहे हैं। उनका यह ज्ञान हमारे जीवन को स्वर्णिम बनाने का आधार है।”

 

राजयोग मेडिटेशन शिविर

सोनिका बहन ने बताया कि शिविर प्रतिदिन दोपहर 2बजे से 3:30 बजे तक जारी रहेगा। इस शिविर में आत्मा और परमात्मा के संबंध, राजयोग के लाभ और जीवन में पवित्रता का महत्व बताया जा रहा है।

आध्यात्मिक प्रदर्शनी और राजयोग शिविर का उद्देश्य लोगों को सत्य ज्ञान प्रदान करना, उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना और आत्मिक शांति की ओर प्रेरित करना है। आयोजकों ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में शिविर का लाभ उठाने की अपील की।

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