भारत के सबसे बड़े अंतर राज्जीय विवादों में से एक है महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद
नई दिल्ली और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद बढ़ता ही जा रही है। ये विवाद इतना बढ़ चुका है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई बीेजपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिना अपाइंटमेंट ही मिलने दिल्ली जा रहेे है। अपने दिल्ली दौरे के दौरान सीएम बोम्मई वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और केंद्रीय मंत्री पीयू गोयल से भी मुलाकात करेंगे। बात दें महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवाद भारत के सबसे बड़े अंतर राज्यीय विवादों में से एक है।
बीजेपी अध्यक्ष से मिलने पहुंचे सीएम बोम्मई
कर्नाटक सीएम ने दिल्ली रवाना होने से पहले कहा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने जा रहा हूं। बसवराज बोम्मई ने कहा मैं आज दिल्ली के लिए रवाना हो रहा हूं और बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा से मिलंूगा। उन्होंने अभी तक मिलने का समय नहीं दिया है लेकिन मुझे विश्वास है कि हम उनसे मिलेंगे। हम कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए वकील मुकुल रोहतगी से भी मिलेंगे और बाद में पीयूष गोयल से मिलेंगे।
महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के बीच में बेलगाम जिला जिले बेलगावी भी कहा जाता है। भारत में सबसे बड़े अंतर राज्यीय सीमा विवादों में से एक है। वहीं खानपुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार के क्षेत्र को लेकर भी दोनों राज्यों में विवाद चल। इन क्षेत्रों की बड़ी आबादी मराठी और कन्नड़ भाषा बोलती है और इसलिए ये विवाद और बड़ा है।
956 में जब राज्यों का पुनर्गठन किया गया ये इलाके कर्नाटक के पास आ गये। इससे पहले ये बाम्बे के अधीन थे। इसके बाद से ही दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद शुरू हो गया। वहीं जब मामला बढ़ा तो केंद्र सरकार ने इसे सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मेहर चंद महाजन के नेतृत्व में एक महिला आयोग का गठन किया। हालांकि ये मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
हालांकि आयोग ने कहा है कि बेलगाम या बेलगावी को महाराष्ट्र राज्य से मिलाने की अनुशंसा नहीं जा सकती है। बाद में महाराष्ट्र ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया था। आयोग ने निप्पानी, खानापुर और नांदगाड समेत २६२ गांव महाराष्ट्र को और २४७ गांव कर्नाटक को दिया लेकिन महाराष्ट्र बेलगावी समेत ८१४ गांवों की मांग कर रहा है।