चरण सिंह
बिहार की में कुछ नया न हो तो फिर सूबे राजनीति ही क्या ? अब विधानसभा चुनाव के करीब आने पर फिर से सूबे की राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक ओर जहां बीजेपी दांव खेलने जा रही है वहीं आरजेडी ने भी पासा फेंक दिया है। भले ही बीजेपी नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कर रही हो पर गृह मंत्री अमित शाह के मुख्यमंत्री का निर्णय बीजेपी संसदीय बोर्ड में होने की बात के बाद नीतीश कुमार बहुत नाराज हैं। ऊपर से एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार की जगह केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को बुलाकर अमित से आग में घी डालने का काम किया है। ऐसे में बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह के नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग उठाकर बिहार की राजनीति में एक और सस्पेंस पैदा कर दिया है। गिरिराज राज सिंह के इस बयान के बाद यह माना जा रहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए उन्हें भारत रत्न का ऑफर दिया जा रहा है।
ऐसे में क्या यह चाल नीतीश कुमार नहीं समझ रहे होंगे ? जानकारी यह मिल रही है कि अमित शाह के एक निजी चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में मुख्यमंत्री बीजेपी के संसदीय बोर्ड के तय करने की बात के बाद नीतीश कुमार बहुत नाराज हो गए हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर दिल्ली के साथ चुनाव कराने की सिफारिश करने वाले थे कि एन वक्त पर अमित शाह को सूचना हो गई और उन्होंने आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल बनवा दिया। हालांकि नीतीश कुमार अभी भी अमित शाह से नाराज हैं। बाबा साहेब की तस्वीर को नमन कर उन्होंने अपने तेवर दिखा दिए हैं। ऐसे में एक ओर ललन सिंह को अमित शाह की ओर से तवज्जो देने और दूसरी ओर आरजेडी विधायक वीरेंद्र भाई का यह कहना की राजनीति परिस्थितियों के अनुसार होती है।
बिहार में खेला हुआ है और हो भी सकता है। वीरेंद्र भाई के इस बयान के बाद नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन में जाने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। अमित शाह के मूड से लग रहा है कि एनडीए की सरकार बनने के बाद भले ही मुख्यमंत्री जदयू का बना दिया जाए पर नीतीश कुमार को बनाने के मूड में अमित शाह लग नहीं रहे हैं। ऐसे में जॉर्ज फर्नांडिस, शरद पवार और खुद लालू प्रसाद को पटखनी देने वाले नीतीश कुमार क्या अमित शाह के दबाव में आ जाएंगे या फिर कुछ खेल करेंगे ?