पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं का जोश काफी हाई था, यहां तक कि टीएमसी के तमाम नेताओं ने भी ममता का साथ छोड़ दिया था. लेकिन नतीजों ने बीजेपी को करारा झटका दिया. ममता बनर्जी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज करते हुए साबित कर दिया कि फिलहाल बंगाल की बॉस वही हैं. इसके बाद से ही राज्य में बीजेपी के लिए कुछ भी ठीक नहीं हो रहा था, तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा रहे थे और बंगाल में बीजेपी बिखरती दिख रही थी. लेकिन अब बीजेपी आलाकमान की तरफ से एक बार फिर कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की कोशिश हो रही है. इसका बड़ा उदाहरण मंगलवार 13 सितंबर को देखने को मिला. जब बीजेपी की तरफ से ममता सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ नबन्ना चलो मार्च का ऐलान किया गया. इस मार्च में हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता पहुंचे, पूरी प्लानिंग के साथ हर इलाके से कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया गया और कोलकाता बुलाया गया.