राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने उठाया ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल, ईवीएम के प्रति जागरूकता अभियान छेड़ेगा राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा, दिनेश चंद्र दिवाकर ने दी होली की हार्दिक शुभकामनाएं
द न्यूज 15
नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर का कहना है कि भाजपा ने भारतीय लोकतंत्र को मजाक बना के रख दिया गया है। पूरे उत्तर प्रदेश में अधिकारियों व कर्मचारियों ने baallot पेपर से वोटिंग की तो भाजपा को केवल मात्र 99 सीट मिली थी और जब evm से जनता ने वोट डाला तो रिज़ल्ट्स बिल्कुल उल्ट गया क्यों ? दिनेश चंद्र दिवाकर ने सभी देशवाशियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
उन्होंने चुनाव आयोग से प्रश्न किया कि अगर आप की evm सही है तो वोट करते समय भी evm खराब और काउंटिंग करते समय भी evm खराब तो उसको क्यों हटा नही दिया जाता। जब तमाम राजनीतिक संगठनों ने evm पर आपत्ति जताई है तो फिर ईवीएम को थोपा क्यों जा रहा है ? उन्होंने कहा कि क्या यही लोकतंत्र है ? क्या यही बाबा भीमराव अंबेडकर ने यही सपना देखा था ? उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है और आपको भी देशवासियों की बात माननी चाहिए। अगर आप नहीं मानते हो तो आप या तो खुद तानाशाही कर रहे हो या तानाशाहों की बात मान रहे हो। वास्तव में अब सरकारी संस्थानों पर भरोसा और विश्वास टूट रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा evm हटाने व baallot पेपर से चुनाव कराने की मांग करता है। चूंकि यह मोर्चा सहारा पीड़ितों की लड़ाई गांव गली मोहल्लों से होकर दिल्ली जंतर मंतर पर अपना ताकत दिखाया है जिसका अंजाम ये हुआ कि पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर प्रदेश में ही नही अपितु पूरे भारत के कोने कोने में सहारा के ऑफिसों पर ताला लग गया ठीक उसी प्रकार यह मोर्चा विभिन्न छोटे छोटे दलों से मिलकर evm के खिलाफ निश्चित तौर पर पूरे भारत के पैमाने पर इसे बंद करने का अभियान चलाएगा। evm अब तो रजवाड़ा की रानी की भूमिका अदा कर रहा है आखिर evm अगर सही है तो इसके जन्मदाता देश अमेरिका फ्रांस आदि देशों में बैलट से चुनाव क्यों ? 5 किलो राशन देकर भारतीयों के कार्यक्षमता को विकलांग बनाया जा रहा है। 2000 रुपया देकर किसानों को प्रधानी चुनाव की तरह वोट लिया जा रहा है।
राष्ट्रीय मुख्य महासचिव राधेश्याम सोनी ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ती जा रही है सरकार को नौजवानों के लिए ब्यवस्था करनी चाहिए। जो नौकरी में कार्यरत हैं उनके बुढ़ापे की लाठी पेंशन को लागू करनी चाहिए। देश मे बड़े पैमाने 80फीसदी लोगों का पैसा सहारा में फॅसा है उसको दिलाना चाहिए लेकिन इनको इन गरीबों से मतलब नही केवल गरीबों की बात करते है। देश मे 200 से अधिक संस्थानों जिसमे अटल जी ने भी 17 संस्थानों को लगाया था लेकिन मोदी जी 17 संस्थानों को बेचकर उसका पैसा कहा खर्च किये उसका कोई पता नही है। लेकिन अगर सहारा प्रमुख की संपत्तियों को बेचकर सहारा पीड़ितों का पैसा दिलाते तो गरीब मौत से बच जाता। शिक्षा से लग जाता शादी नही टूटती लेकिन मोदी जी इसपर जरा सा ध्यान नही दे रहे हैं। वहीं प्रदेश अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि मोदी जी को गरीबों के परेशानी से लेना देना नही उनको तो गरीबों की मेहरबानी से मतलब है।