राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने सहारा पीड़ितों के लिए सुब्रत राय के साथ ही भाजपा सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
सिद्वार्थनगर। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर राष्ट्रीय मुख्य सचिव राधेश्याम सोनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ खान, सिद्धार्थ नगर जिलाध्यक्ष राजू लाल श्रीवास्तव ने बताया कि सहारा इंडिया से पीड़ितों के भुगतान के संबंध में सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल की गई है। हम लोगों ने जंतर-मंतर दिल्ली तक पहुंच कर भी अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है। भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय दिल्ली में जाकर भी ज्ञापन दिया है। किंतु कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। भुगतान न पाने वाले पीड़ित जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं पर सरकार मौन है।
मोर्चे के इन पदाधिकारियों ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में देश के पांचों राज्यों में सहारा इंडिया कंपनी को संरक्षण देने के कारण भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। इन नेताओं ने कहा है कि जनता यह जान चुकी है कि यदि सरकार चाहती तो मजबूर होकर सहारा इंडिया कंपनी प्रबंधन को निवेशकों का पैसा लौटना पड़ता।
दिनेश चंद्र दिवाकर ने कहा है कि शिकायत करने पर मुख्यमंत्री पोर्टल से यह लिखकर शिकायत क्लोज की जाती रही है कि यह प्रकरण दिल्ली सरकार से संबंधित है। जब सरकार सहारा इंडिया पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है तो आम जनता यह सोचने को मजबूर है कि फिर सहारा इंडिया को सरकार चलने क्यों दे रही है? इन बिंदुओं को लेकर उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू व शोहरतगढ़ विधानसभा सभा के कांग्रेश प्रत्याशी रविंद्र प्रताप उर्फ पप्पू चौधरी व इटवा विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी अरशद खुर्शीद ने लोगों से अपील की गई है।
उधर राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने मेंहदावल के भी विभिन्न गांवों का दौरा कर सहारा पीड़ितों की समस्याओं को जाना। गोरकट्टा, अछिया,रोशनपुर, जमु अट्ट आदि गांवों में घूम घूम कर राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर व प्रदेश अध्यक्ष आरिफ खान व राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी गोरखनाथ मिश्रा राधेश्याम सोनी, जिला अध्यक्ष रामनाथ यादव आदि सहारा पीड़ितों को अपने हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए जागरूक किया है। मोर्चे ने गांवों में जनजागरूकता अभियान चलाया हुआ है। इस अवसर पर इन नेताओं ने कहा कि हर सहारा पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा। सहारा प्रबंधन को हर हाल में उनका भुगतान देना ही होगा।