चरण सिंह
दिल्ली के विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब सभी दलों का फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है। वैसे तो इन चुनाव में कई दल ताल ठोक रहे हैं पर मुख्य पार्टी आरजेडी, बीजेपी और जदयू मानी जा रही हैं। नीतीश कुमार के चेहरे पर एनडीए चुनाव लड़ रहा है तो आरजेडी की ओर से तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर झा के 100 सीटें मांगने पर ऐसा लग रहा है कि जैसे इस बार कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा नहीं बन पा रही है। जिस तरह से टीएमसी नेता ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन की लीड करने की इच्छा व्यक्त करने पर लालू प्रसाद ने उनका समर्थन कर कांग्रेस के कुछ न कर पाने के बयान को राहुल गांधी अपनी काट के रूप में लिया था। ऐसे में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी की तारीफ करने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। प्रशांत किशोर इससे पहले एलजेपी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान की तारीफ भी कर चुके हैं। चिराग पासवान भी प्रशांत किशोर की तारीफ में कसीदे पढ़ चुके हैं। बीपीएससी छात्रों के आंदोलन में दोनों ही नेता नीतीश कुमार पर हमला बोल चुके हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या बिहार में तीसरा मोर्चा बनने जा रहा है ? क्या इस मोर्चे में कांग्रेस भी शामिल होने जा रही है ? क्या चिराग पासवान इस मोर्चे के सीएम चेहरा होने जा रहे हैं ?
दरअसल चुनावी रणनीतिकार माने जाने वाले प्रशांत किशोर गैर आरजेडी, जदयू और बीजेपी के दलों को लामबंद करने में लगे हैं। ऐसे में चिराग पासवान को सीएम पद का चेहरा बनाया जा सकता है। ऐसे में यदि वामदल और उपेंद्र कुशवाहा भी इस मोर्चे में शामिल हो जाते हैं तो मोर्चा बड़ा रूप ले सकता है। आप सबकी आवाज के मुखिया आरसीपी सिंह और वीआईपी के नेता मुकेश साहनी को भी मोर्चे में लाया जा सकता है। क्योंकि प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह भी प्रशांत किशोर की तरह नीतीश कुमार ने अपमानित कर निकाले थे।
ऐसे में इस मोर्चे में दो दलित चेहरा हो जाएंगे आरसीपी सिंह और चिराग पासवान। क्योंकि बिहार में 16 फीसदी दलित हैं तो ऐसे में यह मोर्चा बड़ा खेल कर सकता है। क्योंकि कांग्रेस को आरजेडी की बैसाखी माना जाता है। आरजेडी के चलते पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को कांग्रेस बिहार में इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। ऐसे में इस मोर्चे में पप्पू यादव के भी आने के पूरे चांस हो जाएंगे।