मंगलवार को सेक्टर 11 स्थित भारतीय सोशलिस्ट मंच के प्रदेश कार्यालय पर समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र अवाना ने कहा कि महिलाओं को स्वतंत्रता से जीने के लिए रूढ़िवादी विचारों वाले समाज में सुधार लाने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि ज्योतिबा फुले का पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले है।
उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल 1827 में पुणे के गोविंदराव और चिमनाबाई के घर में ज्योतिराव का जन्म हुआ था। उनका परिवार पेशवाओं के लिए फूल वाले का काम करते थे। मराठी में उन्हें फुले कहा जाता था। उस दौर में महिला विरोधी कुरीतियां फैली हुईं थीं। बाल विवाह, महिलाओं और विधवाओं का शोषण आम बात थी। लेकिन ज्योतिराव फुले ने महिला विरोधी कुरीतियों और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। 19वीं सदी के महान समाज सुधारकों में ज्योतिबा फुले का नाम शामिल हैं, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व योगदान दिया।
जीवन भर उन्होंने महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने, बाल विवाह के खिलाफ और विधवा विवाह के समर्थन में कार्य किया और महिलाओं के लिए स्कूल भी खोला। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष देवेंद्र गुर्जर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में देवेन्द्र सिंह अवाना और देवेंद्र गुर्जर के साथ ही रामवीर यादव, नरेन्द्र शर्मा, विक्की तवर ,मौ यामीन, सन्नी गुर्जर, राकेश शर्मा, मुमताज,जय प्रकाश, आदि साथी उपस्थित रहे।