जिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी ने पप्पू बना रखा था उन्हीं राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से विपक्ष के लिए एक बड़ा माहौल बना दिया है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में जिस तरह से अपने को प्रस्तुत किया है उससे न केवल राजनीति का स्वरूप बदलता दिखाई दे रहा है बल्कि लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस फिर से खड़ी हो गई है। नौ राज्यों में भारत जोड़ो यात्रा निकालन के बाद जिस तरह से वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें लोगों का समर्थन मिल रहा है उससे न केवल सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी में बेचैनी है बल्कि विपक्ष के दल भी सोचने को मजबूर हो रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां रालोद का समर्थन राहुल गांधी को मिला है हीं अंदरखाने भाकियू का भी सहयोग मिल रहा है। जानकारी मिल रही है कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने कार्यकर्ताओं से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निर्देश दे दिया है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की महिलाओं को साथ लेकर उत्तर प्रदेश में यात्रा निकालने की रणनीति है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस विपक्ष की सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभर रही है। वैसे भी जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अखिलेश यादव ने उनकी यात्रा को शुभकामनाएं दी हैं उसको देखकर लग रहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा न केवल विपक्ष को जोड़ेगी बल्कि राहुल गांधी विपक्ष का अपने पीछे चलने को भी मजबूर करेंगे। राहुल गांधी जिस तरह से एक टी शर्ट पहनकर इस कड़कड़ाती ठंड में भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, जिस तरह से उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में टी शर्ट की विशेष पहचान बनाई, इससे नेताओं की सफेद कुर्ते पजामे के साथ ही नेहरू कट जैकेट को भी बीते जमाने की बात करार दे दिया है। यह राहुल गांधी का अपने पहनावे की ओर लोगों को आकर्षित करना ही है कि मौजूदा राजनीति में राहुल गांधी की टीशर्ट चर्चा का विषय बना हुई है। राहुल गांधी ने जिस तरह से बच्चों, महिलाएं और बुजुर्गों से मिलने में आत्मीयता दिखाई है उससे उनकी लोकप्रियता में काफी सुधार हुआ है।
राहुल गांधी जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही पूरी सरकार को ललकार दे रहे हैं। केंद्र सरकार को अडानी और अंबानी की सरकार करार दे रहे हैं। उससे लोगों के मन में राहुल गांधी के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। जिस तरह से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी को एक योद्धा बताते हुए सब कुछ खरीद रहे अडानी और अंबानी के राहुल गांधी को खरीद न पाने की बात कही है। उससे राहुल गांधी की ईमानदारी की बात जनता का पहुंची है। वैसे भी राहुल गांधी बिना डरे बेबाकी से जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमी निकालते हुए देश में नफरत घोलने का आरोप सरकार पर लगा रहे हैं। बीजेपी के नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलने की बात रहे हैं उससे उनकी बातों में देश को जोड़ने के प्रति प्रयास झलक रहा है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से न केवल मुस्लिम बल्कि दलितों का वोटबैंक भी कांग्रेस से सट रहा है। दिल्ली के एमसीडी चुनाव में यह बात देखने को मिली है। कांग्रेस के नौ पार्षद मुस्लिम वोटबैंक के बलबूते पर ही जीते हैं। मतलब दिल्ली में मुस्लिम वोटबैंक आम आदमी पार्टी से छिटककर कांग्रेस की ओर गया है। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से बसपा प्रमुख मायावती पर बीजेपी के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लग रहा है, उससे दलितों का रुझान भी कांग्रेस की ओर देखा जा रहा है। इसमें दो राय नहीं 2024 के लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की तरह से ही दूसर यात्राएं होती रहेंगी। यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का ही असर है कि जहां गृहमंत्री मंत्री अमित शाह भी भारत यात्रा पर जाने की बात करने लगे हैं वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में यात्रा निकालने की बात कर रहे हैं। मतलब देश में फिर से यात्राओं का एक दौर शुरू हो रहा है।