गफलत की पराकाष्ठा है गाइडलाइंस में कोई बदलाव न होना
चरण सिंह राजपूत
जो गलती केंद्र सरकार ने 2020 में की थी वही गलती इस बार भी कर रही है। 2020 में जब कोरोना का पहला मामला केरल में आया था यदि उसी समय विदेश से आने वाली फ्लाट्स रोक दी जाती तो शायद देश में कोरोना इतना कोहराम न मचाता। इस बार भी भी ऐसा ही हो रहा है। जब कोरोना वायरस के बीएफ.7 ने चीन में कोहराम मचाया है तो स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देशभर के लिए तो तमाम गाइडलाइंस जारी कर दी हैं पर अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के लिए अभी तक गाइडलाइंस में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री को हवाई यात्रा से कोराना फैलने का अंदेशा नहीं दिखाई दे रहा है पर राहुल गांधी की यात्रा से कोरोना फैलने का डर उन्हें हैं।
Why not ban International Air Travel?
कई उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली समेत राज्यों में कोरोना के हालातों को लेकर रिव्यू मीटिंग की जा रही है पर केंद्र सरकार इस बात पर गौर नहीं कर रही है कि कोरोना वायरस तो विदेश से ही आएगा। यदि ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा होती रही तो कोरोना वायरस फैलने की आशंका और ज्यादा हो जाएगी। 2020 में यही हुआ था विदेश से आने वाले यात्रियों को पहले आने दिया गया और फिर कोरोना वायरस के फैलने के लिए तब्लीगी जमात का जिम्मेदार ठहरा दिया गया। वह बात दूसरी थी कि जिन भी तब्लीगी जमात के लोगों को गिरफ्तार किया गया उन्हें कोर्ट ने बाइज्जत छोड़ दिया। सरकार को समझने की जरूरत यह है कि जब कोरोना वायरस विदेश से आता है तो फिर विदेश से किसी व्यक्ति को देश में आने ही क्यों आने दिया जाए। चीन से आने वाले सामान पर यदि प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है तो ऐसी कुछ व्यवस्था की जाए कि इस सामान से कोरोना न फैले।
दरअसल स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना हालातों को लेकर एक रिव्यू मीटिंग में अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने लोगों ने अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाके में मास्क जरूरत पहनें। मतलब जहां से करोना वायरस आना है वहां पर रोका नहीं लगाएंगे, जहां वायरस है ही नहीं वहां पर पूरा ध्यान लगाएंगे। हालांकि देशभर के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग तेज करूर कर दी गई है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि घबरानी की जरूरत नहीं है। देशभर में पर्याप्त मात्रा में कोरोना टेस्ट किये जा रहे हैं।
दरअसल कोरोना वायरस के बीएफ.7 वेरिएंट ने चीन में कोहराम मचाया हुआ है। भारत में उसके पांच मामले सामने आ चुक हैं। बीएफ.7 कोविड वेरिएंट के ये मामले गुजरात और ओडिशा से सामने आये हैं। चीन की तरह भारत में भी हालात बेकाबू न हों, इसको लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को कई तरह के निर्देश जारी किये हैं।
क्या है बीएफ.7 वेरिएंट
ऐसा नहीं है कि कोरोनो का यह वेरिएंट नया है। यह पहली बार अक्टूबर में सामने आया है। धीरे धीरे अमेरिका और यूरोपीय देश में कोरोना का यह वेरिएंट अन्य वेरिएंट्स की जगह लेने लगा। बीएफ.7 कोरोना के वेरिएंट ए.5.2.1.7 के जैसा ही है। यह आमिक्रॉन के स्वरूप बीए.5 जैसा है। यह ओमिक्रॉन के स्वरूप बीएफ. 5 की उप वंशावली है।
क्या है बीएफ.7 का ट्रांसमिशन रेट
चीन के हालातों से संबंधित खबरों में दावा किया जा रहा है कि कोरोना का बीएफ.7 वेरिएंट की ट्रांसमिशन कैपिसिटी सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट्स के अनुसार बीएफ.7 ओमिक्रोॅन वेरिएंट आसानी से लोगों को इनफेक्ट कर सकता है और यह कोरोना के अन्य वेरिएंटस की तुलना में बेहद आसानी से फैलता है । एक रिपोर्ट के अनुसार बीएफ.7 से संक्रमित एक व्यक्ति 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, नाक बहाना, मध्यम से तेज बुधार, गले में गंभीर संक्रमण और नाक बहाना बीएफ.7 के लक्षण हैं।