तेजस्वी की आभार यात्रा से पहले जेपी नड्डा ने भेद दिया आरजेडी का ‘चक्रव्यूह’, अब क्या करेंगे लालू यादव?

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दीपक कुमार तिवारी

पटना/नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की जमीन को जातीय जकड़न की पृष्ठभूमि पर खींच कर लाने वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के रणनीतिकार के विरुद्ध भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जमकर बैटिंग कर डाली। इतिहास से सबक लेते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बार आरक्षण और जातीय गणना पर पार्टी का सकारात्मक भाव रखते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के तैयार ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने की कोशिश कर डाली। इस कोशिश में जेपी नड्डा ने न केवल राजद के ‘जंगल राज’ की याद दिलाई, बल्कि राजद के 15 साल के शासन काल में हुए जातीय नरसंहार का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल डाला।
इस बार जेपी नड्डा का बिहार दौरा राज्य के विकास के मूल मंत्र के साथ राजद के ‘जंगल राज’ पर केंद्रित रहा। विकास को लेकर आईजीआईएमएस के विकसित चक्षु केंद्र का उदाहरण रखा। दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में 200 बेड वाला सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के शिलान्यास के बारे में जानकारी दी। साथ ही आरक्षण और संविधान का डर दिखाकर फैलाए जा रहे भ्रम का भी जवाब देने की कोशिश की। आरक्षण और संविधान पर भाजपा का पक्ष रखते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ सबका विकास’ पर भरोसा करते हैं। यही वजह है कि नरेंद्र मोदी के 71 मंत्रियों में 10 अनुसूचित जाति से, 27 पिछड़ा वर्ग से और पांच मंत्री आदिवासी से हैं।
10 सितंबर से आभार यात्रा पर निकलने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ‘तरकश’ में आरक्षण और जातीय जनगणना रूपी दो तीर हैं। राजद ने एक बार फिर एनडीए को आरक्षण और जातीय गणना पर घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। आगामी विधानसभा 2025 में ये मुद्दे कितने सफल होते हैं, यह तो चुनाव परिणाम बताएगा, लेकिन राजद ने अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं।
राजद के भीतरखाने की माने तो तेजस्वी की ‘आभार यात्रा’ आरक्षण और जातीय जनगणना की धार तेज करने के लिए है। तेजस्वी बिहार की जनता को यह समझना चाहते हैं कि कैसे एनडीए की सरकार आरक्षण विरोधी है और जातीय गणना की पक्षधर भी नहीं है। तेजस्वी यादव की ‘आभार यात्रा’ के भाषण का लब्बोलुआब एनडीए की आरक्षण विरोधी रणनीतिक को उजागर करना है।
जेपी नड्डा की एक सोची समझी रणनीति के साथ आरक्षण और जातीय जनगणना पर भाजपा के सकारात्मक रूख को रखना मजबूरी भी थी। दरअसल, इसी आरक्षण के मसले पर जबरदस्त गलतफहमी फैलाकर महागठबंधन ने एनडीए को 2015 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त ढंग से पटखनी दी थी। तब राजद सुप्रीमो लालू यादव ने मोहन भागवत के एक बयान को तोड़ मरोड़ जनता के बीच रखा। मोहन भागवत ने बिहार में एक जनसभा में यह कहा था कि आरक्षण की अब समीक्षा होनी चाहिए।
मोहन भागवत के इसा बयान पर लालू यादव ने इस यह कहकर प्रचारित किया कि समीक्षा के बहाने भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी। लालू यादव ने कई जनसभाओं में यही दोहराकर भाजपा विरोधी वातावरण बना दिया और एनडीए बुरी तरह 2015 के विधानसभा चुनाव में परास्त हुई। इससे सबक लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेजस्वी की आभार यात्रा के पहले ही आरक्षण और जातीय जनगणना पर भाजपा सहित एनडीए के साथियों की बात रख दी।
हालांकि यह भाजपा का एहतियात भरा कदम है पर इसका प्रभाव आने वाले चार विधान सभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में पड़ता है या नहीं। यह जेपी नड्डा का लिटमस टेस्ट भी हो जायेगा।

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