विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच में यात्राओं की लड़ाई

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यात्राओं के दम पर उपलब्धियां हासिल करते रहे हैं नीतीश कुमार
2005 में न्याय यात्रा, 2009 में विकास यात्रा, 2010 में प्रवास यात्रा और विश्वास यात्रा, 2011 में सेवा यात्रा और 2012 में विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार यात्रा, 2014 में संकल्प यात्रा और संपर्क यात्रा, 2015 में निश्चय यात्रा 2017 में गठबंधन तोड़ने के बाद समीक्षा यात्रा, जल जीवन हरियाली यात्रा, 2021 में समाज सुधार यात्रा निकाली

चरण सिंह
बिहार में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी, जदयू, आरजेडी, जन सुराज समेत दलों ने कमर कस ली है। सभी दल चुनाव जीतने के लिए लिए चुनाव में चुनाव जुट गये हैं। चुनाव जीतने के लिए यात्राओं का दौर शुरू होने वाला है। जहां नीतीश कुमार ने 15 दिसम्बर से महिला संवाद यात्रा की घोषणा कर दी है वहीं तेजस्वी यादव ४ दिसम्बर से कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के तहत यात्रा निकाल रहे हैं। नीतीश कुमार जहां महिला संवाद यात्रा के माध्यम से महिलाओं से सरकार के बारे में पूछेंगे और जो काम उन्होंने महिलाओं के लिए कराए हैं उनको बताएंगे। चाहे शराबबंदी हो या नौकरियों और पंचायत में आरक्षण। सभी मुद्दों पर नीतीश कुमार महिलाओं से रूबरू होंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में सम्मेलन कराए जाएंगे, जिनमें स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश और देश के नेता भी पहुंचेंगे। ऐसे ही तेजस्वी यादव की यात्रा में कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे। तेजस्वी यादव कार्यकर्ताओं से मिलकर विधानसभा चुनाव की तैयारी करेंगे। हालांकि बीजेपी और जदयू ने तेजस्वी यादव की यात्रा को कैंडिडेट खोजो यात्रा का नाम दिया है।
बिहार की राजनीति में यात्राओं का बहुत योगदान रहा है। विशेष रूप से नीतीश कुमार ने यात्राओं के दम पर कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। 2005 में जब नीतीश कुमार ने राबड़ी सरकार को उखाड़ फेंका था तो उन्होंने न्याय यात्रा निकाली थी। इस यात्रा के दम पर उन्होंने 88 सीटें हासिल की थीं। ऐसे ही तब उनका वोटबैंक 20.46 फीसदी था। 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने विकास यात्रा निकाली थी और लोकसभा में 20 सीटें हासिल की थीं। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने धन्यवाद यात्रा निकाली। 2010 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने प्रवास यात्रा निकाली और प्रवास यात्रा निकालते ही विश्वास यात्रा पर निकल पड़े। यह नीतीश कुमार की यात्राओं का ही असर था कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में 115 सीटें हासिल की। 2011 में उन्होंने सेवा यात्रा निकाली तो 2012 में विशेष राज्य की मांग को लेकर अधिकार यात्रा।
2014के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने संकल्प यात्रा निकाली। 2014में लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने संपर्क यात्रा निकाली। संपर्क यात्रा का नीतीश कुमार को यह फायदा हुआ कि उन्होंने 2015 में राजद और कांग्रेस साथ मिलकर सरकार बना ली। सरकार बनाने के बाद उन्होंने निश्चिय यात्रा निकाली। 2017 में गठबंधन तोड़ने के बाद उन्होंने समीक्षा यात्रा निकाली। 2019 को नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली यात्रा पर चले गये। शराबबंदी और दहेज बंदी जैसी योजनाएं लागू करने के बाद नीतीश कुमार ने समाज सुधार यात्रा निकाली।

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