ये हैं दिव्यांग बसंत हिरवानी जिनके दोनों हाथ नहीं हैं फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी….. 1983 से तहसील कार्यालय में सहायक ग्रेड 2 के पद पर पदस्थ हैं…… बसंत का कहना है कि बचपन से ही उन्होंने कभी अपने दिव्यांगता को अपने ऊपर हावी होने नही दिया…. हालांकि स्कूली शिक्षा के समय जब पहली बार दोस्तो ने अपने हाथों से कलम पकड़े तो फिर बसंत ने अपने पैरों के उंगलियों में पेंसिल फसा ली और इनके इस प्रयास को देख स्कूली शिक्षक भी इनका हौसला अफजाई किये औरप्रायमरी से लेकर हायर सेकंडरी की परीक्षा पास कर लिए….. और आज बालोद जिले के सबसे ज्यादा व्यस्तता वाले कार्यालय में अपनी दक्षता का लोहा मनवा रहे है