अंबेडकर एक अध्ययन’ में सबसे अधिक दर्शाया गया है बाबा साहेब का जीवन चरित्र

0
194
Spread the love
राजकुमार जैन 

आज बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती है। भारतीय संविधान की  निर्मात्री सभा के ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन, डॉक्टर अंबेडकर थे।  डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के जीवन से संबंधित पत्राचार तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर श्री वाल्मीकि चौधरी ने जो कि एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ लोकसभा के सदस्य तथा प्रमुख बुद्धिजीवी थे। उन्होंने 22 भागों में प्रकाशित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया था परंतु बाबा साहब के संविधान निर्माण में कुछ भ्रामक बातें लिखी है। उसके प्रत्युत्तर में स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा, सोशलिस्ट विचारक तथा चार बार लोकसभा के सदस्य रहे मधु लिमये ने संसद में अपनी जो अमिट छाप छोड़ी वह सर्वविदित है। अपने देहावसान से पूर्व उन्होंने दो लेख एक डॉक्टर अंबेडकर के संदर्भ में तथा दूसरा महात्मा गांधी पर लिखा था। जो उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित हो पाया।

यह मधु लिमये का जन्म शताब्दी वर्ष है। 30 अप्रैल, 2023 को वह 100 वर्ष के हो जाएंगे। उन्होंने यूं तो डॉक्टर अंबेडकर पर कई लेख लिखे हैं परंतु उनकी पुस्तक ‘अंबेडकर एक अध्ययन’ अब तक जितना भी साहित्य डॉक्टर अंबेडकर पर प्रकाशित हुआ है उसमें अधिकतर उनके जीवन चरित्र को दर्शाया गया है। परंतु मधु जी ने उस पुस्तक में उनके वैचारिक पक्ष को प्रस्तुत किया है। वह बहुत ही विचारोत्तेजक, तथ्यात्मक पुस्तक है। यहां मैं बाबा अंबेडकर के बारे में वाल्मीकि चौधरी के लेख के प्रतिवाद में मधु लिमये ने जो लिखा है, उसको प्रस्तुत कर रहा हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here