नई दिल्ली| प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अरबिंदो की 150 वीं जयंती मनाने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की पहली बैठक की अध्यक्षता की। गठित कमेटी एचएलसी की अधिसूचना केंद्र सरकार की ओर से 20 दिसंबर को जारी की गई थी। समिति में अरबिंदो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 53 सदस्य शामिल हैं। सचिव (संस्कृति), गोविंद मोहन ने स्मृति समारोह के लिए रोड मैप पर एक प्रस्तुति दी और अन्य सदस्यों से अरबिंदो की 150 वीं वर्षगांठ को उचित तरीके से मनाने के लिए विचार विमर्श किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने अरबिंदो के स्मरणोत्सव पर अपने बहुमूल्य विचारों और सुझावों के लिए सम्मानित सदस्यों का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अरबिंदो के ‘क्रांति’ और ‘विकास’ के दर्शन के दो पहलू महत्वपूर्ण महत्व के हैं और स्मरणोत्सव के हिस्से के रूप में इस पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को अरबिंदो द्वारा प्रतिपादित महामानव बनाने के लिए नर से नारायण के दर्शन में सन्निहित महानता की अवधारणा के प्रति प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुनिया के आध्यात्मिक नेता के रूप में भारत की जिम्मेदारी है कि वह दुनिया भर के देशों में आध्यात्मिकता के संदर्भ में योगदान करे। उन्होंने सुझाव दिया कि देश भर के 150 विश्वविद्यालयों को अरबिंदो के जीवन और दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर पत्र लिखने और इस अवसर पर प्रकाशित होने वाले 150 पत्रों में शामिल होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर पुडुचेरी से अरबिंदो के स्मरणोत्सव समारोह की शुरूआत करने का प्रस्ताव रखा। यह युवाओं को पुडुचेरी जाने और उनके जीवन और शिक्षाओं के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जहां अरबिंदो ने 1910 से 1950 तक अपना जीवन बिताया था। प्रधानमंत्री ने किरीट जोशी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी चर्चाओं और विचार-विमशरें को याद किया, जो उनके शिष्य थे। उन्होंने कहा कि इन चर्चाओं ने उन्हें अरबिंदो के विचारों से समृद्ध किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने पर काम करते समय गहराई से परिलक्षित हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अरबिंदो पर किरीट जोशी के साहित्य को दुनिया भर में व्यापक रूप से प्रसारित किया जाना चाहिए।
गृहमंत्री ने प्रतिभागियों को उनके बहुमूल्य सुझावों और समय के लिए धन्यवाद दिया और बैठक को समाप्त कर दिया।
एचएलसी की शुक्रवार की बैठक हाईब्रिड मोड में हुई। 16 विशिष्ट सदस्य शारीरिक रूप से उपस्थित थे और 22 सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से भाग लिया। गृह मंत्री अमित शाह ने विशिष्ट प्रतिभागियों का स्वागत किया। बैठक में सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। सभी सदस्यों ने राय व्यक्त की कि अरबिंदो की समग्र शिक्षा की अवधारणा नई शिक्षा नीति का एक हिस्सा होनी चाहिए और इसे कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।