मामला चाचौड़ा जनपद के पंचायत कार्यालय का, सीईओ की नजरों में अपराध बन गया किसान का सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करना, किसान का आरोप – कपिलधारा योजना में फर्जीवाड़ा करते हुए सरपंच और सचिव ने कुएं की राशि बैंक से निकाल ली है 

चरण सिंह 

नई दिल्ली। किसान ने सरपंच और सचिव पर लगाया कपिलधारा योजना में फर्जीवाड़े करने का आरोप, आरोप है कि कुएं की राशि बैंक से निकाल ली गई। कपिलधारा योजना के तहत लिए गए लिया गया लोन किसान तक पहुंचा ही नहीं। उसे सरपंच और सचिव डकार गए। जब इस किसान ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो चाचौड़ा जनपद के पंचायत कार्यालय में हड़कंप मच गया। यह बेचारा शिकायत के बारे में पूछने क्या पहुंच गया कि पंचायत सीईओ ने किसान को बेल्ट से पीटा टायलेट में बंधक बना लिया। तो क्या मध्य प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन का कोई महत्व नहीं है। यदि है तो फिर किसान ने इस हेल्पलाइन में शिकायत कर क्या कोई अपराध का दिया था। यदि नहीं तो फिर उसे क्यों मारा गया ?
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहान से होकर जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। देश के प्रधानमंत्री रहे इन दोनों नेताओं के लिए देश का किसान इतना क्यों महत्वपूर्ण था। इसका बड़ा कारण यह था कि ये महान नेता किसानों की पीड़ा, समस्या और उसकी समर्पण भाव की मेहनत को बखूबी समझते थे। क्या आज की तारीख में किसान की इस देश को जरूरत नहीं है ? क्या किसान का देश में कोई महत्व नहीं रह गया है ? किसानों के साथ हो रही घटनाओं को देखकर तो ऐसा ही लग रहा है। रात दिन मेहनत कर 150 करोड़ लोगों का पेट पालने वाले किसान के साथ ऐसा भेदभाव क्यों ?
किसानों के शोषण, अपमानित करने और पीटने की ऐसी खबरें आ रहे हैं कि हर किसी का सिर शर्म से झुक जाए। पर ऐसा हो नहीं रहा है। किसी जिम्मेदार व्यक्ति और जिम्मेदार तंत्र का ध्यान इस ओर कोई ध्यान नहीं है। उल्टे किसान की छवि को खराब करने का घृणित शहरों में खेला जा रहा है। बेंगलुरु में एक गरीब किसान को मेट्रो में रोकने की घटना के बाद मध्य प्रदेश में एक अधिकारी ने एक किसान को बंधक बनाकर उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। कहां हैं किसान हितैषी होने की दावा करने वाली सरकारें ? कहां हैं किसानों का वोट हासिल करने वाले नेता ? कहां हैं किसानों के हक की लड़ाई लड़ने का दंभ भरने वाले नेता ? मतलब किसान आज भी बेबसी की जिंदगी जाने को अभिशप्त है।
 जो किसान धरती का सीना चीर कर अन्न उपजाता है। जिस किसान के बदौलत देश की जनता को भरपेट खाना मिलता है। आज उसी किसान के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया जा रहा है कि जैसे वह इस देश का नागरिक ही न हो। ,मेट्रो में चलने से रोकने की घटना का वीडियो हर संवेदनशील व्यक्ति ने देखा है। अब बेहद हैरान कर देने वाली घटना सामने आ रही है। एक किसान को न केवल बंधक बनाया गया बल्कि उनकी पिटाई भी की गई। उसका कसूर मात्र इतना था कि उसने  CM Helpline में शिकायत कर दी थी। दरअसल जनपद पंचायत के CEO ने किसान की कॉलर पकड़कर उसके साथ मारपीट की।  किसान को कॉलर से पकड़कर घसीटते हुए यह सीईओ बाथरूम के अंदर ले गया बेल्ट से उसे बहुत मारा। किसान को बाथरूम में बंधक बनाकर रखा गया।
देखने की बात यह है कि सीईओ गगन बाजपेयी का साथ कर्मचारियों ने भी दिया। किसान के साथ मारपीट की गई, जिसके चलते किसान भगवत मीना के हाथ और पीठ में गहरी चोटें आई हैं। साथ ही किसान का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया। सीईओ की इस करतूत की तस्वीरें कैमरे में कैद हो गईं, जिससे लोगों को इस घटना का पता चल सका है। नहीं तो आज का मीडिया तो बेचारे किसान को ही जिम्मेदार ठहरा देता। अब जब वीडियो देखकर बवाल मचा तब जाकर इस सीईओ पर कार्रवाई हो पाई।
ग्राम मोहनपुर निवासी किसान भगवत मीना का कहना है कि 28 फरवरी को दोपहर 12.30 बजे वह जनपद पंचायत चाचौड़ा कार्यालय गया था। कार्यालय में सीएम हेल्पलाइन की शिकायत के बारे में जानकारी लेने लगा तो उसके साथ मारपीट की गई। भगवत मीना ने बताया कि 3.50 लाख रुपये की लागत से कपिलधारा योजना के अंतर्गत कुआं निर्माण किया जाना था, जिसकी राशि उसे स्वीकृत की गई थी। लेकिन कुएं का निर्माण केवल कागजों में कपिलधारा योजना के अंतर्गत कुआं निर्माण किया जाना था, जिसकी राशि उसे स्वीकृत की गई थी। लेकिन कुएं का निर्माण केवल कागजों में ही हुआ। जमीन पर कुआं बना ही नहीं।
किसान का कहना है कि कपिलधारा योजना में फर्जीवाड़ा करते हुए सरपंच और सचिव ने कुएं की राशि बैंक से निकाल ली। फर्जीवाड़े की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में की तो सीईओ साहब भड़क गए और उसको बेल्ट से पीटते हुए टायलेट ले गए और बंधक बना लिया। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन बैकफुट पर है। हालांकि, जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं। चाचौड़ा जनपद पंचायत में पदस्थ सीईओ गगन बाजपेयी पहले भी शिवपुरी जिले में पदस्थापना के दौरान विवादित रहा है। सीईओ गगन बाजपेयी ने शिवपुरी जिले के पोहरी में रहते हुए संबल योजना में बड़ा घोटाला किया था। उनके अलावा अन्य सीईओ समेत  5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। यह घोटाला मध्य प्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल भोपाल के द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली अनुग्रह सहायता राशि में किया गया था।
जिंदा लोगों को मृत बताकर सरकारी राशि को हड़प लिया गया था। सीईओ साहब पर एफआईआर के बाद उनका ट्रांसफर गुना जिले में कर दिया गया था। चाचौड़ा जनपद पंचायत कार्यालय में किसान के साथ मारपीट के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने X पर लिखा, जिसके बाद जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दिलचस्प बात यह है कि किसान के खिलाफ भी क्रॉस प्रकरण दर्ज किया गया है।