आंध्र प्रदेश की अदालत का भाजपा नेता को अपनी पुत्रवधू को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने का निर्देश

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द न्यूज 15 

विजयवाड़ा | आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा की एक अदालत ने आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मीनारायण, उनकी पत्नी और बेटे को घरेलू हिंसा के एक मामले में अपनी पुत्रवधू को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

विजयवाड़ा के पहले अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी की अदालत ने पुलिस को श्रीलक्ष्मी कीर्ति को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश भी दिया।

अदालत ने पूर्व मंत्री, उनकी पत्नी कन्ना विजयलक्ष्मी और उनके बेटे कन्ना नागराजू को कीर्ति और उसकी बेटी को उनके घर में रहने का आदेश दिया है और ऐसा न करने की स्थिति में 50,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करने का आदेश दिया है।

न्यायाधीश ने प्रतिवादियों को कीर्ति की बेटी के इलाज के लिए 50,000 रुपये का भुगतान करने के लिए भी कहा है। अदालत ने बुधवार को पारित आदेश में तीन महीने में राशि का भुगतान करने का निर्देश देते हुए

स्पष्ट कहा कि यदि इस अवधि में ऐसा नहीे किया जाता है तो उन्हें 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा।

कन्ना नागराजू ने 10 मई 2006 को कीर्ति के साथ प्रेम विवाह किया था। उनकी बेटी का जन्म 2013 में हुआ था। कीर्ति ने बाद में अपने ससुराल और पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था।

कीर्ति ने आरोप लगाया कि उसकी सास उसे ताना मारती थी और उसके माता-पिता से मिलने नहीं देती थी। उसने यह भी आरोप लगाया कि नागराजू का एक अन्य महिला के साथ संबंध है और वह उसे परेशान कर रहा था। उसने कीर्ति के साथ 29 मार्च 2015 को मारपीट की और तब से वह उसे अलग रह रहा है।

कीर्ति ने अपने ससुरालवालों से अपनी और अपनी बेटी की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए उनके खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम, आवास और इलाज के खर्च के तहत कार्रवाई की मांग की थी।

कन्ना लक्ष्मीनारायण ने 1991 से 1994 और 2004 से 2014 तक अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया था और राज्य के विभाजन के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे और 2018 में पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बने थे।

कन्ना नागराजू ने इससे पहले गुंटूर के मेयर के रूप में भी कार्य किया था।

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