चरण सिंह
लंबे समय से गांधी परिवार में चल रहा विवाद अब अमेठी सीट से सुलझ सकता है। उसकी बड़ी वजह यह है कि न केवल राजीव गांधी के परिवार को संजय गांधी के परिवार की जरूरत आज की तारीख में है।
वरुण गांधी के अपनी ही सरकार की आलोचना करने की वजह से उनका पीलीभीत से टिकट कटने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उधर गांधी परिवार की परंपरागत अमेठी के बीजेपी के कब्जाने के बाद कांग्रेस को वह सीट भी हासिल करनी है। राहुल गांधी आज की तारीख में कांग्रेस का चेहरा है और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी उन्हें अमेठी से चुनाव हरा चुकी हैं। राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इधर यदि वरुण गांधी को बीजेपी से टिकट न मिला तो उनके लिए अपने पिता संजय गांधी की सीट रही अमेठी सबसे उपयुक्त सीट रहेगी। राहुल गांधी अमेठी सीट पर एक तीर से दो निशाने साधने चाहते हैं। एक से वह वरुण गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाकर स्मृति ईरानी को हराना चाहते हैं तो दूसरा वह वरुण गांधी पर एहसान जताकर उन पर दबाव बनाना चाहते हैं।
यदि वरुण गांधी अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो मेनका गांधी और सोनिया गांधी भी करीब आ जाएंगी। कांग्रेस को मजबूती अलग से मिलेगी।
दरअसल रायबरेली और अमेठी दोनों सीटें गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है। और दोनों ही सीटें खतरे में हैं। रायबरेली से तो प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की बात सामने आ रही हैं। पर राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वह बस वायनाड से चुनाव लड़कर सेफ जोन में रहना चाहते हैं। ऐसे में अमेठी से वरुण गांधी के चुनाव लड़ने के आसार बन गए हैं। अब देखना यह होगा कि आखिर वरुण गांधी को बीजेपी से टिकट मिलता है या नहीं। वैसे पीलीभीत से बीजेपी ने अभी तक कोई प्रत्याशी चुनावी समर में नहीं उतारा है।