समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक बार फिर से चर्चाओं में आ गए है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 5 साल पुराने मामले को दोबारा से उजागर कर गुरुवार को दिल्ली स्तिथ ऑफिस पर खनन मामले को लेकर पुछ्ताछ पर बुलाया है। यह मामला उस वक्त का है जब अखिलेश यादव राज्य के मुक्यमंत्री थे। सीबीआई ने उन्हें बतौर गवाह पूछताछ के लिए समन जारी किया है। अखिलेश यादव को यह समन तब ीा है जब लोकसभा चुनाव बिलकुल पास है। बात करे तो ये मामला उस वक्त का था जब अखिलेश मुख्यमनत्री के पद पर थे साल 2012 से 2016 के बीच ऐसे कई जिलों के नाम सामने आए जिसमे अवैध खनन के मामले काफी आ रहे थे। उस दौरान गायत्री प्रजापति को बर्खास्त करने करने बाद अखिलश यादव के पास पूरी तरीके से ज़िम्मेदारी थी खनन विभाग कि उस समय का बड़ा आरोप यह था कि खनन विभाग के पट्टे जारी करने में इ ट्रेडिंग प्रकिया कथित तौर पर उल्लंगन किया गया था। जिस पर प्रागराज हाई कोर्ट ने साल 2016 में इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2 जनवरी 2019 को इस कैस पर कुल 11 लोगो के खिलाफ काम करना चालू कर दिया था। सीबीआई इस मामले में अखिलेश और उनके पूर्व कैबिनेट के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के ऊपर जांच कर रही है। सीबीआई एफआईआर के आधार पर परिवर्तन निर्देशालय में इस मामले में कथित रूप से जांच कर रही है। जिसके चलते दोबारा से सीबीआई ने यह मामला उजागार किया है जिस में वर्त्तमान स्थिति ये है की अखिलेश यादव ने सीबीआई के देवतार जाने से मना कर दिया है अब आगे देखना यह होगा की आगे क्या कुछ होता है