द न्यूज 15
नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां डेरा सच्चा सौदा से समर्थन ले रही हैं। चन्नी ने ट्वीट के जरिए दोनों ही पार्टियों पर हमला बोला है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्विटर पर लिखा, “अकाली और बीजेपी की साझेदारी खुले में है, दोनों डेरा सच्चा सौदा से समर्थन ले रहे हैं। उन्हें टीम बनाने दो, पंजाब के लोग इन बीडबी भागीदारों के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं और उन्हें अपने वोटों से सबक सिखाएंगे।” उन्होंने भगवंत मान और आप पर धूरी में डेरा से समर्थन मांगने का भी आरोप लगाया।
चन्नी के ‘यूपी-बिहार भाई’ वाले बयान से आक्रोश : हाल ही में चन्नी के एक बयान पर खूब विवाद उठा था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ रैली कर रहे सीएम चन्नी ने कहा था कि पंजाबियों एकजुट हो जाओ, यूपी, बिहार और दिल्ली के भैये को पंजाब में घुसने नहीं देना है, जो यहां शासन करना चाहते हैं। जब उन्होंने यह टिप्पणी की, तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को उनके साथ खड़े होकर मुस्कुराते और तालियां बजाते देखा जा सकता था। चन्नी ने बाद में एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उनके बयान को “तोड़ मरोड़” किया जा रहा है। यहां तक कि प्रियंका गांधी ने भी उनकी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब को पंजाबियों द्वारा चलाया जाना चाहिए। उनके [चन्नी के] बयान को गलत समझा गया। मुझे नहीं लगता कि यूपी से कोई भी पंजाब आने और शासन करने में दिलचस्पी रखता है। ”
डेरा सच्चा सौदा के पत्ते खोलने के बाद कुछ सीटों पर बदले समीकरण : वहीं, पंजाब विधानसभा चुनाव में लाख टके का सवाल बना हुआ है कि 69 सीटों तथा चौदह जिलों वाला मालवा क्षेत्र किसकी नैया पार लगाने जा रहा है। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के कल रात सियासी पत्ते खोलने के बाद कांग्रेस को आशंका है कि डेरा प्रेमी कांग्रेस को वोट न देकर बेअदबी के मामले में अकाली दल को तथा कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को वोट देने का फैसला दिया जिसके चलते डेरा प्रेमी इन्हीं दलों को वोट दे रहे हैं। पंजाब में आज मतदान जारी है ।
डेरा सच्चा सौदा के सूत्रों के अनुसार पंजाब चुनाव को लेकर कई दिनों की मशकत के बाद कल रात आखिरकार डेरा की राजनीतिक विंग ने अपना नर्णिय ले ही लिया। डेरा अपने मतदान के नर्णिय को पिछले वर्षों में मतदान के ठीक एक दिन पहले उजागर करता है। डेरा की राजनीतिक विंग के पदाधिकारी अपने फैसले को 45 मैंबर कमेटी व उसके बाद गांव-गांव में बनाए गए भंगीदास के जरिये आम अनुयायी तक पहुंचाया जाता है। इसी फैसले के अनुरूप डेरा अनुयायी अपने मत का उपयोग करते हैं।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को गत सात फरवरी को मिली 21 दिन की पैरोल को राजनीति के जानकार लोग हरियाणा और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की देन मान रहे थे। इसी के साथ कयास लगाए जा रहे थे कि डेरा अपना एकमुश्त वोट पंजाब में भाजपा प्रत्याशियों को करेगा लेकिन उसने आप पार्टी के कुछ उम्मीदवारों को भी वोट फैसला लिया ।
पंजाब विधानसभा चुनाव में समर्थन को लेकर डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक विंग पर केंद्र व राज्य सरकार की खुफियां एजेंसियां भी टकटकी लगाए बैठी थीं। डेरा की राजनीतिक विंग द्वारा पंजाब में मतदान को लेकर फैसला लेने के बाद इस विंग के चैयरमेन राम सिंह गत वर्षों की तरह अबकी बार भी अपना मोबाइल बंद कर भूमिगत हो गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डेरा की राजनीतिक विंग ने हरियाणा से सटते मालवा क्षेत्र की मोड़ मंडी सीट पर भाजपा प्रत्याशी,बठिंडा में आम आदमी पार्टी,बठिंडा देहात में अकाली दल बादल,बुढलाढा में आम आदमी पार्टी,सरदूलगढ़ में अकाली दल बादल,अबोहर में भाजपा,मुक्तसर में अकाली दल बादल,सनौर (पटियाला) से भाजपा,पटियाला से पंजाब लोकहित पार्टी व तलवंडी में आजाद प्रत्याशी हरमद्रिं सिंह जस्सी को अपना समर्थन दिया है। हरमद्रिं सिंह जस्सी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के करीबी रस्तिेदार हैं । उन्होंने बठिंडा शहरी,मोड़ मंडी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। निंरतर दो बार चुनाव हार जाने से अबकी बार कांग्रेस द्वारा टिकट काट देने से तलवंडी साबो से आजाद प्रत्याशी के तौर पर भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने हरमद्रिं जस्सी को पार्टी से छह वर्ष के लिए नष्किासित भी कर दिया है। डेरा के नर्णिय को लेकर मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी ने अपनी प्रतक्रियिा देते हुये कहा कि डेरा प्रेमी अकाली दल और भाजपा और आप पार्टी के कुछ प्रत्याशियों को वोट दे रहे हैं लेकिन हमें उम्मीद है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी । मालवा क्षेत्र में कम से कम 40 -45 सीटों पर डेरा का प्रभाव है तथा पिछले कुछ चुनाव में डेरा अनुयायियों की वोट के चलते कांग्रेस सत्ता में आयी थी । हालांकि यह जट सिख बहुल क्षेत्र है जहां ग्रामीण इलाके अधिक हैं। राजनीतिक पंडितों के अनुसार पंजाब का अगला मुख्यमंत्री मालवा क्षेत्र से ही होगा चाहे वो श्री चन्नी हों ,अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल या आप के भगवंत मान या कोई अन्य ।
मालूम हो कि पिछली बार अकाली दल का ज्यादातर वोट आप पार्टी को चला गया था तथा आप पार्टी पहली बार में 18 सीटें जीतकर कुछ पर बढ़त लिये हुये थी । कांग्रेस को चालीस सीटें मिली थीं और अकाली दल का वोट बैंक खिसककर आप के पक्ष में चला गया था । कांग्रेस को इस बार कुछ सीटों पर नुकसान हो सकता है तथा आप की स्थिति पहले से बेहतर हो सकती है लेकिन भाजपा गठबंधन को लेकर कुछ कहना मुश्किल है क्योंकि किसान बहुल क्षेत्र में भाजपा को लेकर विरोध रहा है।
फिलहाल, आज मतदाता उम्मीदवारों का सियासी भवष्यि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद कर देंगे और 10 मार्च को मतगणना होने पर ही सच सामने आयेगा ।
चन्नी के ‘यूपी-बिहार भाई’ वाले बयान से आक्रोश : हाल ही में चन्नी के एक बयान पर खूब विवाद उठा था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ रैली कर रहे सीएम चन्नी ने कहा था कि पंजाबियों एकजुट हो जाओ, यूपी, बिहार और दिल्ली के भैये को पंजाब में घुसने नहीं देना है, जो यहां शासन करना चाहते हैं। जब उन्होंने यह टिप्पणी की, तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को उनके साथ खड़े होकर मुस्कुराते और तालियां बजाते देखा जा सकता था। चन्नी ने बाद में एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उनके बयान को “तोड़ मरोड़” किया जा रहा है। यहां तक कि प्रियंका गांधी ने भी उनकी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब को पंजाबियों द्वारा चलाया जाना चाहिए। उनके [चन्नी के] बयान को गलत समझा गया। मुझे नहीं लगता कि यूपी से कोई भी पंजाब आने और शासन करने में दिलचस्पी रखता है। ”
डेरा सच्चा सौदा के पत्ते खोलने के बाद कुछ सीटों पर बदले समीकरण : वहीं, पंजाब विधानसभा चुनाव में लाख टके का सवाल बना हुआ है कि 69 सीटों तथा चौदह जिलों वाला मालवा क्षेत्र किसकी नैया पार लगाने जा रहा है। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के कल रात सियासी पत्ते खोलने के बाद कांग्रेस को आशंका है कि डेरा प्रेमी कांग्रेस को वोट न देकर बेअदबी के मामले में अकाली दल को तथा कुछ सीटों पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को वोट देने का फैसला दिया जिसके चलते डेरा प्रेमी इन्हीं दलों को वोट दे रहे हैं। पंजाब में आज मतदान जारी है ।
डेरा सच्चा सौदा के सूत्रों के अनुसार पंजाब चुनाव को लेकर कई दिनों की मशकत के बाद कल रात आखिरकार डेरा की राजनीतिक विंग ने अपना नर्णिय ले ही लिया। डेरा अपने मतदान के नर्णिय को पिछले वर्षों में मतदान के ठीक एक दिन पहले उजागर करता है। डेरा की राजनीतिक विंग के पदाधिकारी अपने फैसले को 45 मैंबर कमेटी व उसके बाद गांव-गांव में बनाए गए भंगीदास के जरिये आम अनुयायी तक पहुंचाया जाता है। इसी फैसले के अनुरूप डेरा अनुयायी अपने मत का उपयोग करते हैं।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को गत सात फरवरी को मिली 21 दिन की पैरोल को राजनीति के जानकार लोग हरियाणा और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की देन मान रहे थे। इसी के साथ कयास लगाए जा रहे थे कि डेरा अपना एकमुश्त वोट पंजाब में भाजपा प्रत्याशियों को करेगा लेकिन उसने आप पार्टी के कुछ उम्मीदवारों को भी वोट फैसला लिया ।
पंजाब विधानसभा चुनाव में समर्थन को लेकर डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक विंग पर केंद्र व राज्य सरकार की खुफियां एजेंसियां भी टकटकी लगाए बैठी थीं। डेरा की राजनीतिक विंग द्वारा पंजाब में मतदान को लेकर फैसला लेने के बाद इस विंग के चैयरमेन राम सिंह गत वर्षों की तरह अबकी बार भी अपना मोबाइल बंद कर भूमिगत हो गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डेरा की राजनीतिक विंग ने हरियाणा से सटते मालवा क्षेत्र की मोड़ मंडी सीट पर भाजपा प्रत्याशी,बठिंडा में आम आदमी पार्टी,बठिंडा देहात में अकाली दल बादल,बुढलाढा में आम आदमी पार्टी,सरदूलगढ़ में अकाली दल बादल,अबोहर में भाजपा,मुक्तसर में अकाली दल बादल,सनौर (पटियाला) से भाजपा,पटियाला से पंजाब लोकहित पार्टी व तलवंडी में आजाद प्रत्याशी हरमद्रिं सिंह जस्सी को अपना समर्थन दिया है। हरमद्रिं सिंह जस्सी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के करीबी रस्तिेदार हैं । उन्होंने बठिंडा शहरी,मोड़ मंडी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। निंरतर दो बार चुनाव हार जाने से अबकी बार कांग्रेस द्वारा टिकट काट देने से तलवंडी साबो से आजाद प्रत्याशी के तौर पर भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने हरमद्रिं जस्सी को पार्टी से छह वर्ष के लिए नष्किासित भी कर दिया है। डेरा के नर्णिय को लेकर मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी ने अपनी प्रतक्रियिा देते हुये कहा कि डेरा प्रेमी अकाली दल और भाजपा और आप पार्टी के कुछ प्रत्याशियों को वोट दे रहे हैं लेकिन हमें उम्मीद है कि कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी । मालवा क्षेत्र में कम से कम 40 -45 सीटों पर डेरा का प्रभाव है तथा पिछले कुछ चुनाव में डेरा अनुयायियों की वोट के चलते कांग्रेस सत्ता में आयी थी । हालांकि यह जट सिख बहुल क्षेत्र है जहां ग्रामीण इलाके अधिक हैं। राजनीतिक पंडितों के अनुसार पंजाब का अगला मुख्यमंत्री मालवा क्षेत्र से ही होगा चाहे वो श्री चन्नी हों ,अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल या आप के भगवंत मान या कोई अन्य ।
मालूम हो कि पिछली बार अकाली दल का ज्यादातर वोट आप पार्टी को चला गया था तथा आप पार्टी पहली बार में 18 सीटें जीतकर कुछ पर बढ़त लिये हुये थी । कांग्रेस को चालीस सीटें मिली थीं और अकाली दल का वोट बैंक खिसककर आप के पक्ष में चला गया था । कांग्रेस को इस बार कुछ सीटों पर नुकसान हो सकता है तथा आप की स्थिति पहले से बेहतर हो सकती है लेकिन भाजपा गठबंधन को लेकर कुछ कहना मुश्किल है क्योंकि किसान बहुल क्षेत्र में भाजपा को लेकर विरोध रहा है।
फिलहाल, आज मतदाता उम्मीदवारों का सियासी भवष्यि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद कर देंगे और 10 मार्च को मतगणना होने पर ही सच सामने आयेगा ।