Agneepath Recruitment Scheme: भारतीय सेना में नई भर्ती योजना !
जल्द ही सेना भर्ती (Agneepath Recruitment Scheme) खुलने वाली है। वह बात दूसरी है कि यह भर्ती संविदा के आधार पर होगी और चार साल के लिए सेना में सेवा करने का मौका मिलेगा। इस भर्ती को अग्निपथ भर्ती योजना का नाम दिया गया है। इस योजना का ऐलान बुधवार को होना था पर कुछ कारणों के चलते यह एक हफ्ते के लिए टाल दी गई है। दरअसल गत सप्ताह तीन सेनाओं की चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस योजना का प्रजेंटेशन रखा था।
सेना से जुड़े सूत्रों से पता चला है कि यदि इस योजना के तहत टूर ऑफ द ड्यूटी व्यवस्था लागू हो भी जाती है तो नियमित भर्ती प्रक्रिया पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सेना की ओर से तर्क दिया गया है कि टूर ऑफ द ड्यूटी के जरिये सेना में उम्मीदवारों की कमी को दूर करने की सोच है (Agneepath Recruitment Scheme)। सुरक्षा की दृष्टि के चलते अधिक से अधिक सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को तैयार करना है। हालांकि मामले में अभी कई पेंच बताये जा रहे हैं।
दरअसल 2020 से देश के कोरोना की महामारी से जूझने की वजह से सेना में भर्ती नहीं हो पा पाई है। बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में जवानों के सवा लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। सोचने की बात यह भी है कि देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में नियमित भर्ती न होकर टीओडी के जरिये युवाओं को चार साल की संविदा पर सेना (Indian army recruitment 2022) में भर्ती का प्रस्ताव दिया जाना युवाओं को बहुत अखर रहा है।
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भले ही इस भर्ती को लेकर सवाल उठाये जाने लगे हों पर सेना से जुड़े सूत्र टीओडी सेना में होने वाली इस भर्ती को इतना अच्छा मान रही है कि उसका कहना है कि इसका कोई विकल्प नहीं होगा। सेना के अनुसार इस भर्ती की खूबी यह है कि जब नियमित भर्तियां होती हैं तो उसमें टूर ऑफ द ड्यूटी में अपनी सेवा दे चुके उम्मीदवारों का कुछ सीटों पर आरक्षण होता है। इसी तरह की भर्ती भारत में भी करने की तैयारी चल रही है।
यह अपने आप में दिलचस्प है कि एक ओर भारतीय सेना (Indian army recruitment 2022)में 4 सालके टॉन्ट्रेक्ट पर भर्ती की तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर सेना में रिटायर्डमेंट की आयु बढ़ाने की मांग की जा रही है। सेना में भर्ती होने वाले जवान इस बात से नाराज हैं कि 38-39 साल में जवानों के रिटायर्डमेंट होने की वजह से उन्हें दूसरे काम की तलाश में लगना पड़ता है।
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जब युवाओं को मात्र चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा तो इन जवानों की मनोस्थिति क्या होगी यह बताने की जरूरत नहीं है ? इन परिस्थितियों में यह कहना भी मुश्किल है कि चार साल के लिए युवा सेना में भर्ती होना चाहेंगे भी या फिर नहीं ? या फिर कितने युवा सेना में भर्ती होने के लिए आएंगे ?
दरअसल टीओडी से सेना में भर्ती विदेशों में काफी प्रचलित है। केंद्र सरकार ने यह पैटर्न विदेश से ही लिया है। प्रधानमंत्री विदेश के इस पैटर्न से बहुत प्रभावित हैं। कई देशों में कुछ समय के लिए युवाओं की सेना में भर्ती की जाती है। इन युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। तय की गई अवधि के बाद इन युवाओं को नौकरी से हटा दिया जाता है।इस सेना में भर्ती (Agneepath Recruitment Scheme) पर उंगली इसलिए भी उठ रही है क्योंकि यह भर्ती उन देशों में सफल है जहां पर सेना की जरुरत न के बराबर है। देखने की बात यह है कि सेना में चार साल की संविदा पर भर्ती के इस प्रस्ताव को युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की बात भी लोगों ने की है।
चरण सिंह राजपूत