आसनसोल- बीते 28 दिसंबर 2024 को रानीगंज थाना अंतर्गत चोरी के मामले में गिरफ्तार की गई युवती स्नेहा शर्मा को तीन दिन की पुलिस हिरासत के बाद आसनसोल जिला अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, पुलिस द्वारा हिरासत के दौरान न तो चोरी गए गहने बरामद किए जा सके और न ही कैश।
मामले में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब शिकायतकर्ता ने अदालत में एक हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि उन्हें अभियुक्त की जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है। शिकायतकर्ता ने यह भी स्वीकार किया कि मामले में प्रारंभिक शिकायत में कुछ त्रुटियां थीं।
अदालत ने पुलिस की ओर से पेश जांच में किसी ठोस परिणाम की अनुपस्थिति को देखते हुए स्नेहा शर्मा को जमानत पर रिहा कर दिया।
गौरतलब है कि यह मामला 4 दिसंबर को रानीगंज थाना क्षेत्र के बर्न्स प्लॉट इलाके से तकरीबन 4 लाख रुपये नकद और 2.5 लाख रुपये के गहनों की चोरी का था। उस दिन शिकायतकर्ता के घर पारिवारिक समारोह के दौरान यह घटना हुई थी।
इस प्रकार के मामलों में अक्सर पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के दौरान पर्याप्त साक्ष्य एकत्रित नहीं किए जाने की शिकायतें सामने आती हैं। कई बार बिना ठोस साक्ष्य के आरोपितों को हिरासत में लिया जाता है, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में अदालतें साक्ष्य की अनुपस्थिति और शिकायतकर्ता के रुख को ध्यान में रखते हुए अभियुक्तों को राहत प्रदान करती हैं।
इस प्रकरण में पुलिस की जांच की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि अब तक कोई ठोस साक्ष्य या बरामदगी नहीं हुई है। वहीं, स्नेहा शर्मा के वकील पूजा सिंह का कहना है कि उनकी मुवक्किल को गलत तरीके से फंसाया गया था और जमानत का निर्णय न्याय की जीत है।
पुलिस की छानबीन फिलहाल जारी है।