द न्यूज 15
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद एनसीपी के प्रमुख शरद पवार से क्या मिले कि राजनीतिक गलियों में अटकलों का बाजार गर्म होने लगा है। कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आज़ाद शरद पवार की मदद से राज्य सभा जा सकते हैं। दरअसल गुलाम नबी आज़ाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। गत वर्ष उनका राज्य सभा का कार्यकाल पूरा हो चुका था। आज की तारीख में गुलाम नबी आज़ाद दोनों सदनों में से किसी का भी सदस्य नहीं है। आजाद लगातार कांग्रेस नेतृत्व पर उँगली उठा रहे हैं। ऐसे कांग्रेस से उनको राज्य सभा में भेजने की संभावना बहुत कम है। वैसे भी उनके प्रधानमंत्री की तारीफ करने पर कांग्रेस नेतृत्व उनसे नाराज है। हालांकि आजाद और पवार की मुलाकात दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास से कुछ ही दूरी पर हुई है।
गुलाम नबी आजाद ने एक अख़बार से बात करते हुए कहा कि वह तो शरद पवारसे मिलते ही रहते हैं। उनका कहना था कि अक्सर वह अपने कई राजनीतिक सहयोगियों से मुलाकात करते रहते हैं। जहां तक पवार जी की बात है तो मैंने उनके साथ 40 से अधिक साल तक काम किया है। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस कार्य समितियों के के अलावा पीवी नरसिम्हा राव की सरकार और यूपीए सरकार के मंत्रिमंडलों में भी एक साथ काम कर रहे थे। गुलाम नबी आज़ाद का कहना है कि कांग्रेस और एनसीपी वैसे भी चचेरे भाई माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि शरद पवार मिलकर उनको हमेशा अच्छा लगता है। उनका कहना था कि यह कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक शिष्टाचार मुलाकात थी।
दरअसल दोनों बड़े नेताओं की मुलाकात एक अलग महत्व रखती है। वैसे भी हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुए से कांग्रेस में भूचाल आया हुआ है।
यह मुलाकात इसलिए भी महत्व रखती है क्योंकि इन दोनों नेताओं के मिलने से मात्र दो दिन पहले दिल्ली में एनसीपी की युवा शाखा ने शरद पवार को यूपीए प्रमुख बनाने का आह्वान किया है।
दरअसल दोनों बड़े नेताओं की मुलाकात एक अलग महत्व रखती है। वैसे भी हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुए से कांग्रेस में भूचाल आया हुआ है।
यह मुलाकात इसलिए भी महत्व रखती है क्योंकि इन दोनों नेताओं के मिलने से मात्र दो दिन पहले दिल्ली में एनसीपी की युवा शाखा ने शरद पवार को यूपीए प्रमुख बनाने का आह्वान किया है।