शिवपाल यादव की पार्टी का सपा में होगा विलय, साईकिल सिम्बल पर लड़ेंगे चुनाव 

चरण सिंह राजपूत 

नई दिल्ली। यह सपा के पक्ष में बनता माहौल ही है कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अपने सिंबल पर न लड़कर समाजवादी पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लड़ने जा रही है। मतलब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय हो रहा है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार दोनों दलों के बीच यह सहमति बनी है कि वोटों का बिखराव रोकने के लिए साईकिल सिंबल पर चुनाव लड़ा जाये। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को एक करने के लिए भी यह किया जा रहा है। दोनों दलों का मानना है कि अगर एकता दिखाने में कोई कमी रह गई तो बीजेपी उसका फायदा उठा सकती है।
दरअसल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अधिकतर नेता सपा में ही रहे हैं। इस पार्टी के कई नेता तो साइकिल चुनाव चिन्ह पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। सपा और उसके गठबंधन सहयोगियों के बीच हुई बैठक में भी यह तय हुआ है कि शिवपाल यादव की पार्टी को छह सीटें दी जाएं। यह छह सीटें एक तरह से शिवपाल यादव को दे दी गई हैं। शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव जसवंतनगर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। दरअसल जसवंत नगर शिवपाल यादव की पारंपरिक सीट है। यह सीट वह सीट है जहां पर नेताजी के राजनीति शुरू करने से ही यादव परिवार का एकाधिकार रहा है। नेताजी के जज्बे और लगन को देखते हुए समाजवादी नेता नत्थू सिंह ने यह सीट उन्हें सौंपी थी। गुन्नौर, भोजपुर, जसराना, मुबारकपुर और गाजीपुर सदर सीटें शिवपाल यादव को दी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चाचा शिवपाल यादव को साथ लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा को घेरने की रणनीति बनाई है। अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, जयंत चौधरी की रालोद, संजय चौहान की जनवादी पार्टी, केशव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, एनसीपी और टीएमसी के साथ गठबंधन किया है। अखिलेश यादव की रालोद को करीब 30, सुभासपा को 13, महान दल, जनवादी पार्टी, अपना दल को करीब 3-3 सीटें दी जा रही हैं। एनसीपी और टीएमसी को भी एक एक सीट दी जा रही है।
दरअसल भाजपा के साथ ही दूसरे दलों से टूटकर जो नेता सपा में आ रहे हैं, यह माहौल शिवपाल यादव के अखिलेश यादव के साथ आने के बाद ही बना है। चाचा भतीजे में जो कड़ुवाहट थी वह दूर हुई और सपा के पक्ष में माहौल बनना शुरू हो गया है। शिवपाल यादव भी अब अपने बेटे आदित्य यादव को अखिलेश यादव के साथ कर उसका राजनीतिक कैरियर संवारना चाहते हैं। इन सबके लिए अब उन्हें सपा में आकर ही अखिलेश यादव के हाथों को मजबूत करना सूझ रहा है। वैसे भी नेताजी ने भी शिवपाल यादव को यही गुरुमंत्र दिया है। इन चुनाव में सपा को फिर से संगठन का मजबूत नेता शिवपाल यादव मिल गया है। अखिलेश यादव को शिवपाल यादव न केवल चुनाव बल्कि संगठन चलाने में भी बहुत मदद करेंगे। वह शिवपाल यादव ही रहे हैं जिन्होंने नेताजी का हनुमान बनकर उनक साथ दिया है। नेताजी के समय सपा के संगठन का भार हमेशा शिवपाल यादव के हाथों में ही रहा है।

Related Posts

अब बीजेपी की निगाहें मऊ सदर सीट पर, मुस्लिम बहुल सीट पर कब्ज़ा करने में लगे योगी!

लखनऊ। बीजेपी गिन गिन कर मुस्लिम बहुल सीटों…

Continue reading
तो रामविलास पासवान ने भी की थी दो शादियां!

रामविलास पासवान की दो शादियों का उल्लेख करते…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन कर्मचारियों को किया बर्खास्त!

  • By TN15
  • June 3, 2025
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन कर्मचारियों को किया बर्खास्त!

अग्निवीरों पर मेहरबान योगी सरकार, पीएसी में मिलेगा 20 प्रतिशत आरक्षण! 

  • By TN15
  • June 3, 2025
अग्निवीरों पर मेहरबान योगी सरकार, पीएसी में मिलेगा 20 प्रतिशत आरक्षण! 

चाची बन गई कातिल, भतीजे की हत्या कर चुनवा दिया दीवार में!

  • By TN15
  • June 3, 2025
चाची बन गई कातिल, भतीजे की हत्या कर चुनवा दिया दीवार में!

जब माउंटबेटन ने की थी भारत – पाकिस्तान बंटवारे की घोषणा!

  • By TN15
  • June 3, 2025
जब माउंटबेटन ने की थी भारत – पाकिस्तान बंटवारे की घोषणा!

सीएसएमआईए पर विदेशी नागरिक से 51.1 किलोग्राम की कोकीन बरामद!

  • By TN15
  • June 3, 2025
सीएसएमआईए पर विदेशी नागरिक से 51.1 किलोग्राम की कोकीन बरामद!

शिक्षक संघ ने समाहरणालय गेट पर दिया धरना, सौपा ज्ञापन

  • By TN15
  • June 3, 2025
शिक्षक संघ ने समाहरणालय गेट पर दिया धरना, सौपा ज्ञापन