मुंबई | महाराष्ट्र की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रहा वाकयुद्ध अब ‘अंडरवल्र्ड लिंक’ तक जा पहुंचा है।
दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने मंगलवार को एक-दूसरे पर तीखा बोला और इस बार यह ताजा वाकयुद्ध माफिया से कथित संबंधों और सौदों से जुड़ा है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार हमला बोलते हुए करते हुए राकांपा मंत्री नवाब मलिक पर कुर्ला में जमीन के एक प्रमुख भूखंड (प्लॉट) को लेकर फरार माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के दो करीबी सहयोगियों के साथ कथित सौदे का आरोप लगाया।
16 साल पुराने सौदे के दस्तावेज मीडिया के सामने जारी करते हुए फडणवीस ने कहा कि मलिक से जुड़ी एक कंपनी सॉलिडस इनवेस्टमेंट प्रा. लिमिटेड (एसआईपीएल) ने कुर्ला में एम. सलीम इशाक पटेल और सरदार शाहवली खान के साथ जमीन का लेन-देन पूरा किया, जो दाऊद के करीबी सहयोगी थे। बाद में एक अपराधी को मार्च 1993 के मुंबई सीरियल बम विस्फोटों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
एक सक्षम राज्य या केंद्रीय प्राधिकरण से जांच की मांग करते हुए, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कुर्ला में एलबीएस मार्ग पर कई करोड़ रुपये की प्रमुख भूमि मलिक से जुड़ी एसआईपीएल द्वारा खरीदी गई थी, जिस पर उनके बेटे फराज मलिक ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह करोड़ो की जमीन मुश्किल से 30 लाख रुपये में खरीदी गई थी।
देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि सलीम पटेल ही अंडरवल्र्ड डॉन और 1993 मुंबई ब्लास्ट के प्रमुख साजिशकर्ता दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर का ड्राइवर, बॉडीगार्ड और फ्रंटमैन था और उसके पास पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) भी है।
भाजपा नेता ने आगे कहा, “तो फिर मलिक को ऐसे व्यक्तियों के साथ व्यापार सौदा करने की क्या आवश्यकता थी, जिन्होंने मुंबई के लोगों की जान ली?”
फडणवीस पर पलटवार करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री नवाब मलिक ने यहां मंगलवार को ‘माफिया लिंक्स’ के आरोपों का खंडन किया और भाजपा नेता पर ‘राई का पहाड़ बनाने’ (किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना) का प्रयास करने का आरोप लगाया।
मलिक ने फडणवीस के उन सनसनीखेज आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मलिक ने कथित तौर पर भगोड़े माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के दो गुर्गों के साथ औने-पौने दामों पर ‘जमीन सौदा’ किया है।
इस आरोपों का जवाब देते हुए नवाब मलिक ने कहा कि हमने किसी बम धमाके के आरोपी से जमीन नहीं खरीदी है। उन्होंने कहा, “मैंने सलीम पटेल नाम के शख्स से जमीन खरीदी थी। फडणवीस ने कहा कि मैंने जमीन खरीद ली और उसमें फर्जी किरायेदार रख लिए। लेकिन ऐसा नहीं है। वहां पर सोसायटी है। उसके पीछे जो जमीन है, वहां बड़े पैमाने पर झुग्गी झोपड़ियां हैं। वहां मेरा एक गोदाम है, वह जमीन लीज पर थी। उसी में हमारी चार दुकानें भी थीं।”
उन्होंने कहा, “मैं कल सुबह 10 बजे देवेंद्र फडणवीस के अंडरवल्र्ड से रिश्तों का खुलासा करूंगा। मेरे ऊपर अब तक इस तरह के आरोप नहीं लगे हैं। मैं आज तो कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन अंडरवल्र्ड का जो खेल शुरू हुआ है, उस पर मैं कल सुबह 10 बजे खुलासा करूंगा।”
आरोपों पर नवाब मलिक ने सफाई देते हुए कहा, “फडणवीस ने राई का पहाड़ बनाकर इस मामले को पेश किया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि दिवाली के बाद बम फोड़ूंगा, बम तो नहीं फूटा लेकिन अब कल 10 बजे में अंडरवल्र्ड का हाईड्रोजन बम फोड़ूंगा।”
फडणवीस के दावों को खारिज करते हुए, मलिक ने कहा कि वह गोवावाला कंपाउंड के नाम से जानी जाने वाली भूमि पर एक किरायेदार थे और उन्होंने मकान मालकिन से अपने स्वामित्व अधिकार खरीदे थे।
उन्होंने कहा, “मकान मालकिन ने एम. सलीम इशाक पटेल के पास अपना पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) निहित किया था, भूखंड पर 1984 के बाद से 125 से अधिक किरायेदारों के साथ एक इमारत है, जिसे ‘मदीनातुरल अमन सीएचएस’ कहा जाता है और आसपास की जमीन पर झुग्गियां हैं।”
उन्होंने कहा कि साथ लगते भूखंड पर, एसआईपीएल का अपना गोदाम था, जिसका पूरा स्वामित्व मकान मालकिन द्वारा दिया गया था, तो फडणवीस कैसे कह सकते हैं कि उन्होंने (मलिक ने) भूखंड को कम कीमतों पर हड़पने के लिए नकली किरायेदारों स्थापित किया।
राकांपा नेता ने कहा, “यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सरदार शाहवाली खान मार्च 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों में एक दोषी था, लेकिन हमारा उससे कोई समझौता नहीं रहा है। हमें एम. इशाक पटेल के दाऊद या उसकी बहन के साथ कथित संबंधों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि हमारे लिए वह मकान मालकिन का अधिकृत पीओए धारक था।”