सहारा के चेयरमैन की गिरफ्तारी के लिए प्रधानमंत्री को घेरने की बनाई गई रणनीतिद न्यूज 15
नई दिल्ली। पैसों के लिए सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय और दूसरे निदेशकों के खिलाफ विभिन्न प्रदेशों के साथ अब देश की राजधानी में भी आंदोलन शुरू हो चुका है। संसद सत्याग्रह के नाम से चल रहे इस आंदोलन के तहत एजेंटों और निवेशकों ने चेतावनी दी है कि यदि ४८ घंटे के अंदर सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय की गिरफ्तारी न हुई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घेराव किया जाएगा। प्रधानमंत्री जहां भी किसी कार्यक्रम में जाएंगे उनका विरोध किया जाएगा। यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक मदनलाल ने दी है। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में २८ संगठन भाग ले रहे हैं। आंदोलन में सहारा से प्रताड़ित निवेशक और एजेंटों के हक-हकूक की लड़ाई लड़ी जाएगी। । निवेशकों और एजेंट नये साल के पहले दिन यानी कि पहली जनवरी से सहारा प्रबंधन के खिलाफ जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने जा रहे है। सहारा के खिलाफ निवेशकों व एजेंटों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन चल रहा है। दरअसल सहारा में सहारा श्री के नाम से जाने जाने वाले सुब्रत राय और दूसरे निदेशकों के लिए अब उसके ही एजेंट मुश्किलें खड़ी करती जा रहे हैं। इन एजेंटों का आरोप है कि उनके द्वारा जमा किया गया धन निवेशकों को न मिलने से उन पर लगातार निवेशकों का दबाव बन रहा है। देश में बड़े स्तर पर लोग सुसाइड कर रहे हैं। दरअसल देश विभिन्न राज्यों बिहार, प. बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश में सहारा बैराबैंकिंग कंपनी में सहारा के एजेंटों ने बड़े स्तर पर लोगों का पैसा जमा कर रखा है। एक ओर राजस्थान के जोधपुर में आंदोलन चल रहा है तो दूसरी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बिहार के समस्तीपुर में चल रहा है। मध्य प्रदेश के भोपाल में लंबे समय से इस मामले को लेकर आंदोलन चल ही रहा है। पैसा न मिलने पर निवेशकों का गुस्सा एजेंटों का फूट रहा है। सहारा प्रबंधन के खिलाफ देश में जगह-जगह आंदोलन चल रहा है। एजेंट सुब्रत राय और दूसरे निदेशकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा रहे हैं। जोधपुर में सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी का जो कार्यालय सेक्टर 11 में स्थित है, यहां पर डेढ़ महीने से धरना-प्रदर्शन चल रहा है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि वे लोग अपनी जमा पूंजी को लेकर चल रहे इस आंदोलन में मैनेजर से मैनेजमेंट से भुगतान की बात करते हैं तो अधिकारी उल्टा डरा धमका कर उन पर पुलिस से पकड़वाने की बात कर झूठ बोल रहे हैं जहां-जहां इन के चेयरमैन और अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट निकल रहे हैं, वहां भुगतान दे रहे हैं। आंदोलनकारियों का आरोप है कि आज भी गरीब जनता को लूटने के लिए 4 साल में डबल लुभावने वाली स्कीम का प्रलोभन देकर चुनिंदा एजेंट मार्केट से पैसा लाकर जमा करा रहे हैं लेकिन भुगतान करने का कोई सिस्टम इस क्रेडिट सोसाइटी के अंदर नहीं है। इन लोगों का कहना उनकी एक ही अपील है गरीब जनता को न्याय दिलाने में और उनकी आवाज उठाने में मदद करें। जोधपुर के विजय वर्मा का कहना है कि सुब्रत राय के सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश से गिरफ्तारी के वारंट निकले हुए हैं। मध्य प्रदेश गुना से गिरफ्तारी के वारंट निकले हुए हैं। 200 से अधिक एफ आई आर हो चुकी है। यह समझ में नहीं आ रहा है इन लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। किस कानून के तहत सुब्रत राय को पैरोल मिली हुई है। जबकि सेबी के डायरेक्टर त्यागी साहब के द्वारा स्पष्ट कर दिया गया कि 24000 करोड जमा नहीं किए हैं। केवल 15000 करोड जमा किए हैं कोर्ट ने भी इस बात का खंडन कर दिया साफ कह दिया है कि सुब्रत राय ने केवल 15453 करोड ही जमा किए हैं। प्रतिबंध का भी खंडन किया है कि केवल दो कंपनी पर प्रतिबंध है बाकी किसी भी सहारा इंडिया के ग्रुप पर कोई प्रतिबंध नहीं है भुगतान को लेकर उसके बावजूद भी आम जनता को गुमराह कर रहा है लोकल मैनेजमेंट के भुगतान पर प्रतिबंध लगा रखा है इस तरह की जनता के साथ जालसाजी कर रहे हैं।
स्थिति यह है कि कभी सहारा को कमाकर कर देने वाले एजेंट आत्महत्या करने को मजबूर हैं। हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा थानान्तर्गत पचपदरा गांव में एक सहारा एजेंट ने घर के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है। परिजनों ने अपनी रिपोर्ट में फांसी लगाने की बात नहीं बताई है। ऐसा बताया जा रहा है कि सहारा में निवेश करने वाले लोग पैसा मांग रहे थे। इसके चलते तंग आकर सुसाइड कर लिया। राधेश्याम सोनी की अगुआई में गोरखपुर और बस्ती के पास आंदोलन चल रहा है। बिहार के समस्तीपुर आसपास ले लोग अपने भुगतान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
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