मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कर लिया ‘पावर गेम’ सेट
दीपक कुमार तिवारी
पटना। ये बिहार है। जहां कड़ाके की ठंड काहे न हो। बिहार की राजनीति ऐसी है कि मकर संक्रांति वाली दही चूड़ा भोज अपने अंदाज में गर्माहट लिए होती है। अक्सर पावर गेम के लिए मकर संक्रांति के इस भोज को जाना जाता है। इस बार भी दही चूड़ा भोज का आगाज कुछ ऐसा ही हुआ। पावर गेम के इस खेल में राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने एक कदम आगे बढ़कर एक साथ दो खेला कर दिया। विजय सिन्हा ने युवाओं को आकर्षित करने हेतु विवेकानंद की जयंती पर युवा दिवस मनाया। इसके साथ दही चूड़ा का भोज भी आयोजित कर दिया।
दही चूड़ा के भोज में विजय सिन्हा का आवास, 3 स्ट्रैंड रोड बिहार के राजनीतिज्ञों की जमघट का केंद्र बन गया। बड़ा दिल दिखाते हुए उन्होंने सीएम नीतीश और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान तक को बुला डाला। सर्व दल समभाव दिखाया। हुआ ये कि इस आयोजन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को आमंत्रित किया।
उसके अलावा विजय सिन्हा के निमंत्रण पर उनके आवास पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, रेणु देवी, रत्नेश सदा, राज्य सभा सांसद रविशंकर प्रसाद, भीम सिंह, विधायक अरुण सिन्हा, विधान पार्षद अनिल शर्मा समेत कई दिग्गज पहुंचे। खबर लिखे जाने तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव के आने की कोई खबर नहीं मिली।
इस दही चूड़ा का सबसे सकारात्मक बात ये हुई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा से समय निकालकर समस्तीपुर रवाना होने से पहले डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के आवास पर पहुंचे। आयोजन का आनंद लिया। विजय सिन्हा से गर्मजोशी से मिले। दरअसल,बिहार में एनडीए की राजनीति में बड़ा उठा पटक होने की संभावना है। आगामी विधानसभा चुनाव 2025 और सामाजिक समीकरण की दुरुस्ती को लेकर अभी बहुत कुछ होना है। कहा ये रहा है कि बिहार में खरमास के बाद नीतीश कैबिनेट का विस्तार भी होने वाला है। ऐसे में सत्ता संतुलन का खेल बहुत महत्वपूर्ण है।
इस खेल में बीजेपी के रणनीतिकारों के साथ राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुड बुक में रहना भी जरूरी है। ऐसे में इस आयोजन में शामिल हो कर नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को मजबूत करने का काम किया। यह इस बात से भी साबित हुआ कि लगभग मंत्री आए। बिहार की राजनीति में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि होने वाले मंत्रिपरिषद विस्तार में इस बार कोई एक उपमुख्यमंत्री रहेगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तो कुछ ही दिल पहले अपने पिता शकुनि चौधरी के जन्मदिवस पर पावर गेम का खेला पहले ही खेल लिया था। लगे हाथों विजय सिन्हा ने भी ट्राई कर लिया।