संसद में नये अंदाज में दिखे राहुल गांधी, सत्तापक्ष को धकेल दिया बैकफुट पर

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**EDS: SCREENSHOT VIA SANSAD TV** New Delhi: Congress MP Rahul Gandhi speaks in the Lok Sabha during ongoing Parliament session, in New Delhi, Monday, July 1, 2024. (PTI Photo)(PTI07_01_2024_000178B)
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चरण सिंह
बीजेपी ने कभी कल्पना नहीं की होगी कि जिन राहुल गांधी को वह पप्पू कहकर मजाक बनाती रही वही राहुल गांधी लोकसभा में पूरी की पूरी भाजपा पर भारी पड़ जाएंगे। राहुल गांधी ने संविधान की कॉपी हाथ में लेकर भाषण की शुरुआत की। उन्होंने अहिंस की बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यह कहकर कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, अहिंसा का संदेश दिया पर उनके समर्थक हमेशा हिंसा और नफरत की बात करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही एक ईटरव्यू में राहुल गांधी के बारे में प्रश्न पूछने पर यह कह दिया हो कि कौन राहुल गांधी ? पर अब राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता हैं और जिस तरह से उन्होंने सीधा प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए उनकी हर योजना को धता बता दिया, उससे पूरा सत्ता पक्ष बौखला उठा। गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी को देश से माफी मांगने की बात कर दी। चाहे प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट अग्निवीर योजना हो, नोट बंदी हो, जीएसटी हो, मणीपुर का मामला हो, किसान-मजदूर की पीड़ी हो, कर्जा माफी हो, एमएसपी पर कानून की गारंटी हो, नीट हो, अल्पसंख्यक हों हर मुद्दे पर सरकार को घेरा। राहुल गांधी की लोकसभा में भाषा शैली इतनी आक्रामक थी कि न केवल रक्षामंत्री और गृहमंत्री को खड़ा होना पड़ा बल्कि खुद प्रधानमंत्री को खड़ा होकर संविधान और लोकतंत्र का हवाला देते हुए प्रतिपक्ष नेता की बात को गंभीरता से लेने की बात कही।

दरअसल राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष बनने पर ओम बिरला को बधाई देत हुए अपने तेवर दिखा दिये थे। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए यह बताने की कोशिश की कि इस सरकार ने हर वर्ग में भय का माहौल बना रखा है। कृषि कानूनोंं की चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा उन्होंने ये कानून अडानी और अंबानी के फायदे के लिए लाये गये थे। उन्होंने नोटबंदी में लोगों को हुई परेशानी का मुद्दा भी उठाया। राहुल गांधी ने जिस अंदाज में लोकसभा में अपना भाषण दिया उसके आधार पर कह सकते हैं कि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया कि न तो पिछली लोकसभा की तरह कमजोर कांग्रेस है और न ही कमजोर विपक्ष। मतलब सरकार मनमानी नहीं कर पाएगी। राहुल गांधी फ्लो में लोकसभा अध्यक्ष पर भी उंगली उठा गये। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष भी झुककर प्रधानमंत्री से हाथ मिलाते हैं। उन्होंने विपक्ष को अपना दुश्मन न समझने की बात कही।

दरअसल गत लोकसभा में विपक्ष की कमजोरी का फायदा उठाकर बड़े स्तर पर सांसदों का निष्कासन किया गया था। खुद राहुल गांधी की सदस्यता चली गई थी। हालांकि लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से फिर से उनकी सदस्यता बहाल हो गई थी। इसमें दो राय नहीं कि राहुल गांधी ने इन दिनों में अपनी भाषा शैली में जबर्दस्त सुधार किया है। इन दिनों में उनका संघर्ष भी देखने लायक रहा है। कहना गलत न होगा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद ही समाजवादी पार्टी की ३७ सीटें आई हैं। यह माना जा रहा है कि देश का मुसलमान राहुल गांधी को अपना मानता है। राजनीतिक हलके में राहुल गांधी के भाषण की तारीफ की जा रही है।

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