ऋषि तिवारी
नोएडा। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर नोएडा के सेक्टर-132 स्थित एक बिजनेस टावर में ठगी का दफ्तर खुला हुआ था और इस दफ्तर से थाना सेक्टर-126 पुलिस ने एक महिला समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग नोएडा के सेक्टर-132 में अर्बटेक सेंटर में ईको इंटरप्राइजेज कंपनी ऑपरेट कर रहे थे। इनके पास से कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, वाईफाई राउटर, नगदी, भारत सरकार के मंत्रालयों के फर्जी दस्तावेज, 140 से ज्यादा पासपोर्ट बरामद किए गए। पुलिस का दावा है कि यह लोग एनसीआर में सक्रिय होकर पिछले चार सालों में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं।
नोएडा जोन के डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि इन लोगों ने आपस में मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया।एक फर्जी कॉल सेंटर खोला। इस कॉल सेंटर को ईको इंटरप्राइजेज कंपनी का नाम दिया। कंपनी का प्रचार ऑनलाइन प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि के जरिए किया। इस प्रचार पर विश्वास कर आम नागरिक कंपनी द्वारा दिये गये हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी करते हैं। जिस पर ये लोगों को अपने जाल में फंसाकर विदेश भेजने और वहां अच्छी नौकरी दिलवाने के नाम पर हवाई यात्रा का खर्चा, वीजा का खर्चा व नौकरी दिलवाने का कमीशन के नाम पर उनसे पैसे ले लेते है। दस्तावेज के नाम पर उनके मूल पासपोर्ट, अन्य दस्तावेज व फोटो आदि ले लेते है। अभियुक्तों द्वारा फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर तैयार करके असली बताकर उन्हें दे देते है। ये लोग व्यक्ति से करीब 80 हजार रुपए तक वसूल करते थे। इनकी पहचान समीर शाह, नन्द किशोर, मुश्ताक खान, मोहम्मद अली अख्तर, मोहम्मद एजाज अहमद, इंद्रजीत दास, मोहम्मद नाजिम, मोहम्मद एजाज, एजाज अहमद, किशोर प्रसाद और एक महिला ठग नजराना पत्नी जियर खान हुई है। इनको कॉल सेंटर से ही गिरफ्तार किया गया।
एयरपोर्ट पहुंचने पर होता था ठगी का खुलासा
पैसे मिल जाने के बाद ये लोग विदेश जाने वाले सभी लोगों को एक ही दिन और एक स्थान पर बुलाते थे। इन सभी फोन पर बताया जाता था कि एजेंट एयरपोर्ट पर आपके पासपोर्ट, वीजा, टिकट और जिस देश में जा रहें है उस देश की करेंसी के साथ मिलेगा। जब लोग विदेश में नौकरी की चाह लेकर एयरपोर्ट पहुंचते हैं। तब कंपनी का कोई भी आदमी नहीं मिलता। इस पर जब लोग इनके दिए दिए मोबाइल नंबर और ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश करते हैं। मोबाइल व आफिस बंद मिलते हैं।
नाम और पहचान छिपाकर मिलते थे बेरोजगार युवाओं से
एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि ये लोग संगठित रुप से जगह-जगह घूम-घूमकर अपनी कंपनी का नाम बताकर विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर सीधे लोगों से पैसे की ठगी कर लेते हैं। इस तरह के काम से जो भी पैसा इकट्ठा करते हैं, उसे आपस में बांट लेते है। पकड़े न जाए इसके लिए ये अपना नाम बदलकर लोगों के सामने आते हैं। यही नहीं अपनी सही फोटो के साथ फर्जी नाम, पता और फर्जी नंबर के आधार कार्ड तैयार कर आवश्यकता अनुसार लोगों के सामने असली लोगों को पेश करते हैं। ताकि उन लोगों का विश्वास जीतकर उन्हें आसानी से ठगा जा सके। इनके पास से 755 फर्जी नियुक्ति पत्र मिले।