सूखी नदियों को फिर से जीवित करने हेतु मंत्री, सांसद, विधायक दृढ़ संकल्पित हों : डब्यूएनडी
मिथिला और कमला एक दूसरे के बिना अधूरी है
कमला नदी के लिये नेताओं को कमर कसनी होगी : डॉ. जावैद अब्दुल्लाह
नदी सत्याग्रह के पूरे हुये एक वर्ष
पाँचवें चरण में प्रस्तुत किया गया जल संकट घोषणापत्र
दीपक कुमार तिवारी
दरभंगा। वैश्विक लोकतंत्र के लिये कार्यरत संस्था वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी, दरभंगा) के तत्वावधान में नदी सत्याग्रह का पाँचवाँ चरण बागमती नदी (अधमारा समूह) के किनारे बरहेता घाट लहेरियासराय में आयोजित किया गया। इस चरण का विषय ‘जल संकट घोषणापत्र’ के अन्तर्गत डब्ल्यूएनडी अध्यक्ष डॉ. जावैद अब्दुल्लाह ने डब्ल्यूएनडी की तरफ़ से जल संकट घोषणापत्र प्रस्तुत किया। डॉ।
अब्दुल्लाह ने कहा कि देशभर की सूखी नदियों को फिर से जीवित करने हेतु मंत्री, सांसद, विधायक दृढ़ संकल्पित हों। आगे उन्होंने कहा कि नागरिक अब नेताओं के सामने नतमस्तक होना बन्द करें और प्रकृति की रक्षा कैसे होगी, इस पर अपना ध्यान लगायें। आगे मिथिला की नदियों पर उन्होंने कहा कि मिथिला और कमला एक दूसरे के बिना अधूरी है।
इसलिये कमला नदी के लिये यहाँ के नेताओं को कमर कसनी होगी। मैं आपको बताऊँ, नदियों का जो हाल है, उसकी रिपोर्ट देखकर मैं अंदर तक स्तब्ध हूँ; परन्तु मुझे अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी निभाने दीजिये। आप भी जीवन के जिस क्षेत्र में हैं, वहीं से अपना दायित्व निभाएं और प्रकृति के राजा नहीं बल्कि एक सदस्य बनकर जीवन बसर करें।
कार्यक्रम की संचालन करते हुये डॉ. अमर जी कुमार मण्डल ने कहा कि वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी) प्रकृति-धरती संरक्षण के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जल संकट के कारण गिनाते हुये कहा कि उच्च तापमान, लगातार चरम मौसम की घटनाओं और वर्षा के बदलते पैटर्न के कारण जल के प्राकृतिक प्रवाह में व्यवधान होता है, जिससे जल की उपलब्धता कम हो जाती है और वह क्षेत्र सूखे से प्रभावित हो जाता है।
डॉ. अमर जी ने आश्वस्त किया कि वे डब्ल्यूएनडी के लिये हर समय तत्पर हैं जो वैश्विक लोकतंत्र जैसे महानतम लक्ष्य के साथ नदी, तालाब, वन, वायु आदि सबकी रक्षा और जागरूकता के लिये संकल्पबद्ध है। ज्ञात हो कि नदी सत्याग्रह के पहले चरण में एक दिवसीय उपवास, द्वीतीय चरण में 40 किमी की सूखी नदियों की नदी पदयात्रा, तीसरे चरण में ‘नदी किनारे नदी पर संवाद’, चौथे चरण में ‘नदी विमर्श’ आयोजित किया गया था।
अब इसके पाँचवें आयोजन में ‘जल संकट घोषणापत्र’ पर बल दिया गया है जिनमें विशेषकर कमला, जीवछ और बागमती के अलावा देशभर की सूखी नदियों के लिये मंत्री, सांसद और विधायक आदि जन प्रतिनिधियों को जल संकट के गम्भीर विषय पर दृढ़ संकल्पित होने की अपील की गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी अमित मंडल ने की।
इस अवसर पर दिलीप मण्डल, विजय श्रीवास्तव, इंजीनियर प्रवीर कुमार, राम कुमार, बलराम मण्डल, सतीश सिंह,सुनील जायसवाल, डा मृत्युंजय कुमार आदर्श, राजेंद्र कुमार,जीतेन्द्र जी, उपेंद्र प्रसाद, छात्र-छात्रायें एवं अन्य ग्रामीणजन ने भी नदी व जल संकट पर अपने विचार प्रस्तुत किया।
नदी सत्याग्रह के सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर वनस्पति वैज्ञानिक प्रो. विद्यानाथ झा, भारत-नेपाल कमला मैत्री मंच के संयोजक अजीत कुमार मिश्र, तालाब बचाओ अभियान के नारायण जी चौधरी, डब्ल्यूएनडी की सलाहकार सदस्या आतिका महजबीं एवं बाल कल्याण समिति की पूर्व सदस्या इन्दिरा कुमारी आदि ने शुभकामनायें दीं।