राजगीर के जंगल और पहाड़ियों की निगरानी के लिए धावा दल का हुआ गठन

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 जंगल और पहाड़ पर वन कर्मियों की पेट्रोलिंग शुरू

 डीएम के आदेश बाद भी ड्रोन कैमरा से नहीं हो रही जंगलों की निगरानी

राम विलास
राजगीर। जंगल में अगलगी की घटनाओं पर नियंत्रण और क्विक रिस्पांस के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा धावा दल का गठन किया गया है। गठित धावा दल द्वारा चिन्हित व आवंटित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग शुरू कर दिया गया है। लेकिन डीएम के आदेश के बाद भी अबतक ड्रोन से राजगीर के जंगलों और पहाड़ियों की निगरानी शुरू नहीं हो सकी है।

 

यहां के आरआईसीसी में शनिवार को डीएम शशांक शुभंकर द्वारा आहूत बैठक में धावा दल गठित करने का आदेश डीएफओ को दिया गया था। डीएम के उसी आदेश के आलोक में यह कार्रवाई की गई है। पर्यटक शहर राजगीर के जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों की निगरानी के लिए 12 धावा दल का गठन किया गया है। इसके अलावा यहां के पांच पहाड़ियों की निगरानी के लिए अलग-अलग धावा दल एवं पेट्रोलिंग टीम का गठन किया गया है।

वनों के क्षेत्र पदाधिकारी अरुण कुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि चार दिन में राजगीर के जंगल में दो दिन गुरुवार और रविवार को आग लगने की घटना हुई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, अग्निशमन दल और अनुमंडल प्रशासन के संयुक्त प्रयास से दोनों दिन कड़ी मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया गया है। गुरुवार को विपुलगिरी की तलहटी में और रविवार को केसरिया दोहा के पास आग लगने की घटना हुई थी।

आग लगने के कारणों की पड़ताल प्रशासन और वन विभाग द्वारा किया गया है। गुरुवार को विपुलगिरी की तलहटी और आयुध निर्माणी की चहारदीवारी के पास आग लगने की घटना हुई थी। आग की शुरुआत आयुध निर्माणी के चहारदीवारी के भीतर से हुई थी। यह जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। जांच के दौरान निर्माणी परिसर में चुल्हा के अवशेष मिले हैं। उससे स्पष्ट होता है कि वहां कोई अबैध काम होता होगा।

इस संबंध में जिला प्रशासन और वन प्रमंडल द्वारा द्वारा अलग-अलग नोटिस आयुध निर्माणी, नालंदा को भेजा गया है। नोटिस के माध्यम से आयुध निर्माणी चहारदीवारी के भीतर होने वाले अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। रेंजर अरुण कुमार ने बताया कि भीषण गर्मी और ऊपर से तेज पछुआ हवा चल रही है। इस गर्मी और तेज हवा में आग की छोटी चिंगारी भी दावानल बन रही है।

उन्होंने बताया कि ऐसे ही घटनाओं पर नियंत्रण और क्विक रिस्पांस के लिए धावा दल का गठन किया गया है। सभी धावा दल में वन कर्मियों सहित करीब आधे दर्जन श्रमिकों को शामिल किया गया है। गठित धावा दल द्वारा आवंटित जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में पेट्रोलिंग आरंभ कर दी गई है। राजगीर के पांच पहाड़ियों विपुलगिरी, रत्नागिरी, उदयगिरि स्वर्णगिरी और वैभारगिरी के लिए अलग से धावा दल बनाया गया है।

धावा दल द्वारा पहाड़ियों की निगरानी की जा रही है। किसी भी प्रकार की अनहोनी अथवा अगलगी की घटना होने पर उन्हें फौरन पदाधिकारी को सूचित करने का आदेश दिया गया है, ताकि समय रहते उस पर नियंत्रण पाया जा सके। जंगल, पहाड़ और पर्यटन स्थलों पर खाना बनाने, सिगरेट और बीड़ी पीने वालों पर भी नजर रखने के लिए धावा दल को कहा गया है।

उन्होंने बताया कि अपुष्ट जानकारी के अनुसार जंगल में शराब बनाने की भी सूचना फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को मिला है। फॉरेस्ट डिपार्मेंट और स्थानीय पुलिस के सहयोग से अभियान चलाकर जंगल में शराब बनाने की व्यवस्था को ध्वस्त किया जाएगा।

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