टूट गए सम्बन्ध….

0
68
Spread the love

रिश्तों के सच जानकर, सब संशय हैं शांत।
खुद से खुद की बात से, मिला आज एकांत।।

वक्त कराये है सदा, सब रिश्तों का बोध।
पर्दा उठता झूठ का, होता सच पर शोध।।

‘सौरभ’ डीoसीo रेट से, रिश्तों के अनुबंध।
मतलब पूरा जो हुआ, टूट गए सम्बन्ध।।

थोड़ा-सा जो कद बढ़ा, भूल गए वो जात।
झुग्गी कहती महल से, तेरी क्या औकात।।

बिगड़ गये हैं स्वर सभी, कौन सुनाये राग।
चंदन भी अकुला गया, देख जड़ों में नाग।।

आँखों का पानी मरा, भरा मनों में पाप।
प्रेम भाव गायब हुए, अपनापा अभिशाप।।

स्नेह भरे मोती नहीं, खाली मन की सीप।
सूख गई हैं बातियाँ, जले नहीं अब दीप।।

डॉ. सत्यवान सौरभ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here