अभिजीत पांडे
पटना । दूसरे चरण के चुनाव को लेकर प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं और 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं। पांच लोकसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारी अंतिम दौर में है। 24% प्रत्याशियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 18% उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित नहीं किए हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सरगर्मी बढ़ती जा रही है। दूसरे चरण के चुनाव को लेकर भी राजनीतिक दल और प्रत्याशी जोर आजमाइश कर रहे हैं। दूसरे चरण का चुनाव 26 अप्रैल को होना है और 26 अप्रैल को बांका भागलपुर कटिहार किशनगंज और पूर्णिया में चुनाव संपन्न कराया जाना है।
एडीआर की रिपोर्ट में चौंका देने वाले तथ्य सामने आए हैं। एडीआर की ओर से चुनाव लड़ने वाले कल 50 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है। जिसमें जदयू के पांच कांग्रेस के तीन, राजद के दो और 19 निर्दलीय उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है।
दूसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी का एक भी उम्मीदवार नहीं है और सभी पांचों लोकसभा सीट पर जेडीयू ने उम्मीदवार खड़े किए हैं। एडीआर की ओर से उम्मीदवारों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले और संपत्ति को लेकर विश्लेषण किया गया है।
एडीआर की ओर से 50 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है। जिसमें से 12 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। कुल मिलाकर 24% उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुल मिलाकर नौ उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 18% उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जनता दल यूनाइटेड के पांच उम्मीदवारों में से दो उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 40% उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि एक उम्मीदवार अर्थात 20% उम्मीदवार के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
राष्ट्रीय जनता दल की अगर बात करें तो दो उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है। जिसमें की एक उम्मीदवार के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। आंकड़ा 50% के आसपास है। एक अन्य उम्मीदवार ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले की जानकारी दी है। यह आंकड़ा भी 50% है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है।एक उम्मीदवार ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। आंकड़ा लगभग 33% के आसपास है एक अन्य उम्मीदवार ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की बात स्वीकार है। यह आंकड़ा भी 33% के करीब है।
19 निर्दलीय उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें तीन ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की बात स्वीकारी है। यह आंकड़ा लगभग 16% है, तो तीन अन्य प्रत्याशी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों को स्वीकारा है। यह आंकड़ा भी 16% है।