Noida News : असगरपुर गांव में 14 को बीजेपी के खिलाफ राजपूतों की महापंचायत 

करणी सेना के सचिन चौहान, किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान, किसान नेता आशीष चौहान और करणी सेना के जिलाध्यक्ष अनिल चौहान मुख्य रूप से जुटे हैं इस महापंचायत को सफल बनाने में 
ननौता और सिसौली में हो चुकी है महापंचायत, 16 को खेड़ा सरधना में है राजपूतों का महाकुंभ 
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में निवास करते हैं राजपूत

रुपाला के खिलाफ 14 को ही राजकोट में राजपूत समाज का बड़ा सम्मलेन 

द न्यूज 15 ब्यूरो  

ननौता के बाद मेरठ के सिसौली और अब नोएडा के असगरपुर गांव में 14 अप्रैल को राजपूतों की महापंचायत है। करनी सेना के सचिन चौहान, किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान, किसान नेता आशीष चौहान, करनी सेना के जिलाध्यक्ष अनिल चौहान मुख्य रूप से इस
महापंचायत को सफल बनाने में जुटे हैं। 16 अप्रैल को खेड़ा सरधना में महापंचायत है
गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू, हरियाणा में राजपूतों को टिकट न देने का आरोप लगाया राजपूतों ने
दरअसल बीजेपी पर राजपूत समाज राजपूतों के इतिहास का विकृतिकरण करने का आरोप लगा रहा है। राजपूतों के राजनीतिक नेतृत्व को कमजोर करने का आरोप बीजेपी पर लगाया जा रहा है। राजपूतों का आरोप है कि गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू, हरियाणा में राजपूतों को टिकट न देने का आरोप लगाया गया है। राजपूतों का कहना है कि वे लोग हमेशा ही बीजेपी को लामबंद होकर वोट करते हैं पर उनकी पार्टी में उपेक्षा होती है। बीजेपी पर आरोप है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में राजपूत सीएम नहीं गए। राजपूत समाज से के भी राज्यपाल नहीं बनाया गया। =उधर गुजरात के राजकोट में भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम रुपाला का राजपूत समाज विरोध कर रहा है।  विरोध के ये स्वर अब राजस्थान में भी उठने लगे हैं। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ राजपूत समाज के बाद अब अजमेर में श्री करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रुपाला का टिकट काटने की मांग भाजपा से की है। उनका कहना था कि रुपाला ने राजपूत समाज की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की है।
मकराना ने पत्रकारों से बातचीत कहा कि पुरुषोत्तम रुपाला का टिकट बीजेपी नहीं काटती है तो समाज बीजेपी के खिलाफ मतदान करेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि राजकोट से भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम रुपाला ने क्षत्रिय महिलाओं के लिए अभद्र टिप्पणी की है। उनका कहना था कि इस टिप्पणी से गुजरात में समाज में गहरी नाराजगी है. गुजरात में क्षत्रिय समाज विरोध स्वरूप सड़कों पर है. उसके बावजूद भाजपा ने पुरुषोत्तम रुपाला का टिकट नहीं काटा. उन्होंने बताया कि क्षत्रिय समाज के सभी संगठनों ने मिलकर तय किया है कि इस विरोध को पूरे देश तक लेकर जाएंगे. इस संबंध में चित्तौड़ में श्री करणी सेना की ओर से मांग की गई थी।  उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को राजकोट में क्षत्रिय समाज का बड़ा सम्मेलन होगा। इसके बावजूद भी रुपाला का टिकट नहीं कटा तो कई राज्यों में विरोध होगा। अपने क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार है।

राजपूतों का आरोप है कि ओबीसी के नाम ओबीसी को मूर्ख बनाकर कृत्रिम ओबीसी के दो तीन तथाकथित लठैत जातियों को लाभान्वित किया गया है। आरोप है कि सरयू राय जैसे राजपूत को छोड़कर बीजेपी ने ढुल्लू महतो जैसे लोगों को टिकट दे दिया है। जनरल वी के सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग को दे दिया गया है।  बीजेपी पर आरोप लगाया गया है कि लगातार तीन तीन बार हारी कांग्रेसी ज्योति मिर्धा को बीजेपी टिकट दे देती है। हारे हुए शुभकरण तथा जमानत जब्त भागीरथ चौधरी को टिकट दिया जाता है पर जमीनी और संघर्षशील बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ को टिकट नहीं दिया जाएगा। विरोध होना चाहिए क्योंकि विधानसभा में जातिवाद करके स्वजातीय निर्दलीय प्रियंका चौधरी को जिताने वाले कैलाश चौधरी को जिताने के लिए जी तोड़ मेहनत की गई है। राजपूतों ने ऐलान किया है कि बीजेपी को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
दरअसल इन सब बातों के लिए वीके सिंह समेत राजपूत कई सांसदों के टिकट काटने को राजपूतों ने अपने अपमान से जोड़ लिया है। बीजेपी को सबक सिखाने के लिए गांव गांव पंचायतें की जा रही हैं।

दरअसल  पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूतों की बीजेपी के खिलाफ लामबंदी ने राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राजपूत समाज के सांसदों के टिकट को अपमान से जोड़कर राजपूत समाज के नेता गांव गांव पंचायत कर राजपूतों को बीजेपी के खिलाफ लामबंद कर रहे हैं। किसान नेता और राजपूत समाज के नेता ठाकुर पूरन सिंह के नेतृत्व में ननौता में हुई राजपूत समाज की महापंचायत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। जगजाहिर है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज बीजेपी का एकतरफा वोट बैंक रहा है। इन लोकसभा चुनाव में राजपूत समाज ने गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह समेत कई राजपूत सांसदों के टिकट कटने को अपना अपमान समझा है।

राजपूत समाज राजपूत सांसदों के टिकट काटने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ग्राफ नीचे लाने का षड्यंत्र मान रहा है। राजपूत समाज के लोग खुलेआम भले ही न बोल रहे हों पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बीजेपी नेतृत्व द्वारा रचे जा रहे षड्यंत्र की बात सामने आ रही है। राजपूत समाज ने राजपूत सांसदों के टिकट काटने के साथ ही केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का भी विरोध जताया है। राजपूत समाज का मानना है कि अग्निवीर योजना लाकर बीजेपी ने राजपूत समाज के युवाओं को सेना में जाने से रोक दिया है। राजपूत समाज के नेता गांव गांव जाकर लोगों को बीजेपी के खिलाफ लामबंद कर रहे हैं। जिस तरह से ननौता में ठाकुर पूरन सिंह और उनकी टीम के लोगों को बीजेपी को ललकार दिया है। उसको देखकर ऐसा लग रहा है कि इस बार राजपूत समाज शक्ति प्रदर्शन करने के मूड में। इन नेताओं का कहना है कि जब भाजपा शक्ति प्रदर्शन को ही मानती हैै तो फिर शक्ति प्रदर्शन ही होगा।
इन नेताओं का कहना है कि बीजेपी पश्चिमी उत्तर को जाट लैंड समझती है। यहां पर राजपूत समाज बड़ी संख्या में है। गाजियाबाद लोकसभा सीट राजपूत समाज के ६ लाख तो गौतमबुद्धनगर में 4 लाख वोट होने का दावा ये नेता कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर राजपूत समाज का दावा था पर किसी राजपूत को टिकट न दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शांत रहने वाले राजपूतों की यह हुंकार भारतीय जनता पार्टी के लिए आफत लेकर आने वाली है। इन नेताओं ने पंचायत में संकल्प लिया है कि अब बीजेपी को सबक सिखाकर ही दम लेंगे।
दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति बड़ी आक्रामक रही है। यहां की जमीन राजनीति के हिसाब से बड़ी उपजाऊ मानी जाती है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर समेत कई जिलों मे राजपूत बड़ी संख्या में निवास करते हैं।
राजपूत समाज के बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरने का एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि ये लोग राजपूत समाज के टिकट करने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कद कम करने के रूप में देख रहे हैं। राजपूतों की इस हुंकार से भारतीय जनता पार्टी बेचैन हो उठी है। अब देखना यह होगा कि राजपूतों की यह हुंकार लोकसभा चुनाव में क्या असर दिखाती है ।

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