आसनसोल प्रशासन के टारगेट पर अशोक स्तंभ का दुरुपयोग करने वाला सुजीत मोदी 

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धड़ल्ले से कर रहा है सरकारी मुहर अशोक स्तंभ का प्रयोग 

एनजीओ अखिल भारतीय मजदूर कल्याण सेवा संघ के गवर्निंग बॉडी का सदस्य है सुजीत मोदी 
सदस्यता के नाम पर मोदी जा रही है मोटी रकम 
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा – सुजीत मोदी को आदेशित किया था ऐसा न करने के लिए  

राधेश्याम दुबे 
आसनसोल। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के एनजीओ अखिल भारतीय मजदूर कल्याण सेवा संघ के गवर्निंग बाडी के सदस्य सुजीत मोदी पर आरोप है कि वह धड़ल्ले से सरकारी मुहर अशोक स्तंभ का प्रयोग कर रहा है। आरोप है कि इसी मुहर को दिखाकर आम लोगों को अर्ध सरकारी संस्था बता कर इसमें सदस्यता के नाम पर मोटी रकम भी वसूली जा रही है । यह मामला तब उजागर हुआ जब इसी संस्था के एक अधिकारी सुजीत मोदी ने आसनसोल के आयुक्त को एक पत्र भेजा, जिसमें अशोक स्तंभ लगा हुआ पाया गया। मामले को संज्ञान में लेकर पूछताछ की गई तो सुजीत मोदी ने बताया कि यह तो कई वर्षों से चलते आ रहा है।

संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष  और सचिव से जब संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि संस्था ने सुजीत मोदी को  दिनांक 18/03/2023 पत्रांक संख्या 2632/C/23 महासचिव कैलाश जैसवारा के द्वारा पत्र लिखकर आदेशित किया गया था कि वह इस मुहर का प्रयोग न करे। बावजूद इसके सुजीत मोदी ने इस मुहर का प्रयोग किया । अब मामला जैसे जैसे बढ़ता गया तो इसमें जुड़े कुछ लोगों ने बताया कि उनसे भी यह कहकर संस्था में जोड़ा गया कि भारत सरकार ने खुद इन्हे अधिकार दिया है मुहर लगाने का।
विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि सुजीत मोदी दावा करता है उनकी बात प्रधानमंत्री, गृह मंत्री से होती है किसी भी विवाद को चुटकी मे हल कर देगा। इन सब बातों के चलते लोग इनकी बातों में आ जाते हैं। बड़े स्तर पर लोग इसके नेटवर्क के रूप में इस गोरखधंधे में  शामिल हो गए हैं।

दरअसल इस संगठन की स्वीकृति पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दलित समुदाय के उत्थान के लिए की थी पर सुजीत मोदी जैसे लोग संगठन को आय का माध्यम बनाकर ठगने का काम कर रहे हैं।
जानकारी मिल रही है कि सुजीत मोदी संस्थान के लेटर हेड मे अशोक स्तंभ लगाकर जमीन जायदाद, विवाद आदि का निपटारा करता था। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों मे सुजीत मोदी का नेटवर्क सक्रिय रूप से पीड़ित परिवार से संपर्क कर मोटी रकम वसूलता था और अपने गुर्गो मे बांटता था।

गवर्निंग बॉडी के सदस्य होने  का झांसा देकर सुजीत मोदी किसी भी विवाद को निपटाने से पहले अपने सचिव बर्णवाल से बात करने को कहता है। विवाद का दसवां हिस्सा अपने निजी खाते मे लेने की पेशकश करता है अगर पीड़ित पक्ष राजी हो जाता है तब वह संस्थान का पहचान पत्र बनाकर मोटी रकम लेता है और उसके बाद कार्रवाई का आश्वासन देता है। संस्था के नाम से यूको बैंक मे सुजीत मोदी खाता खोलकर संस्था के खाते मे पैसे जमा करने को कहता है। अवैध रूप से  लिए गए धन को अपने गुर्गों मे बांटता है लिंक पार्क, मेनगेट, दुर्गापुर मे स्थानीय कार्यालय भी खोल रखा है जिसे वह अपने लिफाफे मे भी दर्शाता है।इस मामले में जानकारी लेने के लिए जब सुजीत मोदी को फोन मिलाया गया तो उसने फोन नहीं उठाया।

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