दिल्ली से कर्नाटक आलू से लदे ट्रक में ले जाई जा रही थी 10 हजार किलो तंबाकू
ऋषि तिवारी
नोएडा। दक्षिण भारत के कई राज्यों में तंबाकू व उससे बने उत्पाद प्रतिबंधित है। ऐसे में उन तंबाकू उत्पादों को तस्करी कर दिल्ली से वाया नोएडा विभिन्न माध्यमों से भेजा जा रहा है। ऐसे ही एक ट्रक को एक सटीक सूचना के आधार पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर चेकिंग के दौरान जेपी कट के पास क्राइम रिस्पांस टीम (सीआरटी) व थाना सेक्टर-126 पुलिस ने पकड़ा। जिसमें पन्द्रह कुंटल आलू कर्नाटक सप्लाई के लिए आढ़ती के पास जा रहा था लेकिन ट्रक में आलू की आड़ में बोरियों में दस हजार किलोग्राम हंस ब्रांड का तंबाकू भी बरामद किया। जांच में पता चला कि यह तंकाबू हंस ब्रांड का नहीं बल्कि उसकी हूबहू पैकिंग कर उसे दक्षिण भारत के राज्यों में दो से तीन गुना दाम पर बेचा जा रहा है। पुलिस ने इस गोरखधंधे में शामिल ट्रक ड्राइवर व उस ट्रक के आगे आगे चलने वाली कार में सवार कुछ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार ट्रक चालक को आगे चेकिंग या अन्य कोई खतरा होने पर फोन पर कोड वर्ड के जरिए सूचना देता था। गिरफ्तार लोगों में इस गोरखधंधे का सरगना भी पकड़ा गया है। जिसने इस असली ब्रांड के नाम पर नकली तंबाकू फैक्टरी दिल्ली के वजीराबाद इंडस्ट्रियल एरिया में खोल रखी है। पुलिस ने जांच के दौरान उस फैक्टरी को भी सील किया है। पुलिस ने पकड़े गए तंबाकू तस्करों के पास से दस हजार किलो हंस छाप तंबाकू, 15 कुंतल आलू, 61 हजार 560 रुपये की नकदी, तस्करी में इस्तेमाल ट्रक और कार बरामद की है।
डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-126 पुलिस और सीआरटी टीम सोमवार रात को गढ़ी शाहपुर गांव के पास से मुखबिर से सूचना के आधार पर एक ग्रे रंग की मारुति इट्रिगा कार व उसके पीछे पीछे चल रहे ट्रक को जेपी स्कूल वाले फ्लाइओवर के पास देर रात पकड़ा। पुलिस ने ट्रक की तलाशी ली तो ट्रक के पिछले हिस्से में आलू के बोरे लाद रखे थे, जबकि ट्रक के पिछले हिस्से में हंस ब्रांड के रैपर में पैक तंबाकू लदा हुआ था। सीआरटी निरीक्षक ने टीम के साथ ट्रक की तलाशी ली और आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान प्रतापगढ़ निवासी मनोज सरोज और शिवम जायसवाल, कर्नाटक बैंगलुरु के रमेश भट्टी, सैय्यद जबीउल्ला, जाकिर हुसैन और दिल्ली वजीराबाद के परम के रूप में हुई। इस दौरान दिल्ली वजीराबाद का विकास उर्फ चाचा भागने में सफल रहा। पुलिस ने हंस ब्रांड कंपनी के अधिकारियों से सम्पर्क किया। कंपनी के अधिकृत अधिकारी सिद्धार्थ गौर और सौरभ शर्मा ने जांच कर बताया कि उनके रैपर को बनवा कर उसमें नकली व घटिया किस्म का तंबाकू पैक किया गया है। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि इस नकली तंबाकू को प्रतिबंधित राज्यों में बेचने के उद्देश्य से ले जाते हैं।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपी दिल्ली के वजीराबाद के इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में नकली तंबाकू बनाते थे। असली तंबाकू में कई प्रकार के केमिकल डाले जाते है, लेकिन ये लोग चूने से तंबाकू बनाकर उसे ब्रांडेड कंपनी के नकली रैपिंग में भरकर तस्करी करते थे। नकली तंबाकू को विकास उर्फ चाचा दिल्ली से खरीदकर ऐसे राज्यों में ले जाकर बेचता था जहां इसकी बिक्री प्रतिबंधित है। इस प्रकार से तंबाकू को लगभग तीन गुना कीमत में बेचा जाता है। दक्षिण में हंस छाप तंबाकू बड़ा ब्रांड है। इसलिए ये लोग इस ब्रांड की नकली रैपिंग का प्रयोग करते थे। पुलिस ने तंबाकू को परीक्षण के लिए लैब भेजा गया है।
यूट्यूब से सीखा नकली तम्बाकू का असली मुनाफा वाला खेल
गिरोह के सरगना शिवम ने नकली तंबाकू बनाने का तरीका यूट्यूब से सीखा था। तंबाकू किन किन राज्यों में प्रतिबंधित है। इसकी जानकारी हासिल की और इसके बाद दक्षिण भारत में नकली तम्बाकू से असली मुनाफे वाला खेल खेलना शुरू कर दिया। शिवम ने कर्नाटक और केरल में तंबाकू के खरीदारों की सूची बनाई। उनसे संपर्क किया और कम दाम में तंबाकू देने का वादा भी किया। महज एक साल के अंदर आरोपियों ने नकली तंबाकू की बिक्री से करोड़ों रुपये कमा लिए। कुछ समय पहले भी एक ट्रक में नकली तंबाकू लादकर आरोपी कर्नाटक और केरल ले गए थे। बीते एक साल से तस्कर इस धंधे में लिप्त हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक केरल में कंपनी हंस छाप ब्रांड ने कापी राइट करवा रखा है। इसलिए तस्करों पर कॉपी राइट एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।
दिल्ली से माल निकलते ही सरगना का भाई फ्लाइट से पहुंचता था कर्नाटक
डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि गिरोह का सरगना प्रतापगढ़ निवासी शिवम जायसवाल है जो एलएलबी पास है। दिल्ली के वजीराबाद से हंस नाम के ब्रांड की नकली तंबाकू की खेप निकलती थी तो शिवम जायसवाल का भाई गोलू फ्लाइट से कर्नाटक पहुंच जाता था। जो कि वह वहां एजेंटो से लेकर सभी नाका व चेकपोस्ट पर सेटिंग कर दिल्ली से आए तम्बाकू के ट्रक को कर्नाटक और केरल में एजेंटों तक सुरक्षित पहुंचा देता था। इन दोनों राज्यों में तम्बाकू प्रतिबंधित है। ऐसे में यहां तस्करी कर लाए गए तंबाकू की काफी मांग है। तम्बाकू व पान मसाला के लिए दो से तीन गुना रकम इसे खाने के शौकीन वहां आसानी से दे देते है। वहीं गिरफ्तार हुए आरोपियों में जाकिर हुसैन और रमेश भट्टी चालक का काम करते हैं। मनोज सरोज, सैयद जबीउल्ला, परम और शिवम कार से आगे निकलते थे और रास्ते की जानकारी ट्रक चालक को देते रहते थे। कार नेवीगेशन का काम करती थी। रास्ते में कोई बाधा या चेकिंग की जानकारी कार सवार ट्रक चालकों को देते थे ताकि ये सावधानी से वहां से ट्रक को पास कर सके। इसके लिए वह फोन पर कोड वर्ड में बात भी किया करते थे।
इन राज्यों में प्रतिबंधित है तंबाकू से बने चबाने वाली वाले उत्पाद
दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के अलावा गोवा, गुजरात के अलावा महाराष्ट्र में तंबाकू से बने चबाने वाले उत्पादों पर कोप्पटा एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। कर्नाटक ने राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों, हुक्का बारों में तंबाकू उत्पादों के उपयोग पर कड़े दंड के साथ प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें नियम का उल्लंघन करने वालों के लिए एक से तीन साल तक की जेल या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है।