तो क्या दामाद जी को स्वीकारेगी अमेठी ?

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चरण सिंह 

गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही अमेठी से दामाद जी ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जी हां प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि वह अमेठी से अपनी राजनीतिक की शुरुआत करें। उनके सांसद बने। रॉबर्ट वाड्रा 1999 में प्रियंका गांधी के साथ चुनाव प्रचार करने की बात कर अमेठी वासियों से भावनात्मक लगाव बताते हैं। दरअसल हमारे समाज में दामाद को सर आंखों पर बैठाया जाता है। क्योंकि वाड्रा गांधी परिवार के दामाद हैं। सोनिया गांधी के बहुत प्रिय हैं। इसलिए उनकी बात टालना गांधी परिवार के लिए मुश्किल ही लग रहा है। ऐसे में क्या कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा को अमेठी से प्रत्याशी बनाएगी? क्या रॉबर्ट वाड्रा अमेठी से चुनाव लड़कर सिटिंग एमपी स्मृति ईरानी को टक्कर दे पाएंगे ? क्या गांधी परिवार की ओर से दामाद जी राजनीति में एंट्री करने जा रहे हैं।

 

हालांकि अमेठी के जिलाध्यक्ष समेत प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है। वे लोग तो राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि गांधी परिवार रॉबर्ट वाड्रा को अमेठी से चुनाव लड़ाकर गांधी परिवार की परंपरागत सीट वाड्रा परिवार को दे देगा? देखने की बात यह भी है कि राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से नामांकन कर दिया है। पर वामपंथी दल उनका वहां पर विरोध कर रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़कर इंडिया गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। विजयन ने तो कांग्रेस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी की जांच में हाथ होने का आरोप लगाया है। ऐसे में राहुल गांधी को वायनाड से भी खतरा है। तो क्या राहुल गांधी अमेठी से अपने जीजा रॉबर्ट वाड्रा को चुनाव लड़ाएंगे या फिर अमेठी से भी खुद ही ताल ठोकेंगे ?

दिलचस्प बात यह है कि गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ने को खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। तो क्या ये लोग सेफ गेम खेलना चाहते हैं ? क्या इन लोगों को चुनाव हारने का डर है ? हार जीत तो लगी रहती है। पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तो पार्टी को लीड कर रहे हैं। इन्हें डर हैं कि यदि ये लोग चुनाव हार जाते हैं तो फिर किस हैसियत से पार्टी का नेतृत्व करेंगे ? पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटने पर उनका भी अमेठी से चुनाव लड़ने नाम चला था पर उन्होंने चुप्पी साध ली। वरुण गांधी अपनी मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर से चुनाव लड़ाने जा रहे हैं।

बात अमेठी से चुनाव लड़ने की करें तो अमेठी से संजय गांधी, राजीव गांधी के बाद राहुल गांधी लंबे समय तक सांसद रहे हैं। राजीव गांधी के समय अमेठी ज्यादा लोकप्रिय रही। अमेठी के लोग राजीव गांधी के दीवाने थे। राजीव गांधी भी अमेठीवासियों का ख्याल रखते थे। राहुल गांधी से अमेठी के लोग नाराज तो रहते हैं पर राजीव गांधी की वजह से उनको वोट देने की बात भी कबूलते हैं। हालांकि स्मृति ईरानी से भी लोग नाराज बताये जाते हैं। ऐसे में गांधी परिवार स्मृति ईरानी की नाराजगी का फायदा कैसा उठाता है देखना यह होगा ?

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