गुजरात में भारी पड़ रहा है हाईकमान का राम मंदिर निमंत्रण ठुकराना, कांग्रेस छोड़ BJP ज्वाइन करेंगे कई नेता

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  अहमदाबाद।  कांग्रेस के राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराने के कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में जहां बेचैनी है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी बीजेपी ने इस फायदा उठाने के लिए गुजरात में भर्ती अभियान शुरू किया है। इसके तहत गुजरात के तमाम कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक बड़े कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सभी का पार्टी में स्वागत किया। इसके मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे। इस समारोह में राजकोट जिला पंचायत के विपक्ष के नेता अर्जुन खटारिया गांधीनगर स्थित बीजेपी के कमलम में लगभग 1,000 समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए, जिनमें कुछ कांग्रेस पोर्टफोलियो धारक और सहकारी समितियों के पार्टी सदस्य शामिल थे। खटारिया ने कहा कि कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में भाग नहीं के फैसले ने उन्हें पार्टी छोड़न को मजबूर किया।

लोकसभा अभियान भी शुरू किया

राज्य भाजपा ने 16 जनवरी से राज्य भर में दीवार पेंटिंग अभियान शुरू करके इस साल के लोकसभा चुनाव के लिए अपना अभियान भी शुरू किया। बीजेपी और कांग्रेस के सूत्रों ने ईटी को बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कुछ विधायक भी भाजपा में शामिल होने के लिए कतार में हैं। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष और पोरबंदर विधायक अर्जुन मोधवाडिया ने एक्स पर पोस्ट की थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि भगवान राम की पूजा की जानी चाहिए। यह नागरिकों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को इस तरह का राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए।

शक्ति सिंह फैसले को बता रहे सही

गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति (जीपीसीसी) अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और अन्य नेता पार्टी के रुख को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि शंकराचार्य भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी चुनाव में लाभ के लिए अधूरे मंदिर का उद्घाटन करने में जल्दबाजी कर रही है, तो वहीं कांग्रेस के कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने स्वीकार किया कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं को जाने से नहीं सकते हैं। अगर आने वाले दिनों कांग्रेस से और नेताओं और कार्यकर्ताओं का रुख बीजेपी की तरफ हुआ तो निश्चित तौर पर गुजरात में कांग्रेस और कमजोर होगी।

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