बैतूल जिले के जनप्रतिनिधियों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाना, भाजपा की भेदभावपूर्ण नीति का परिचायक : डॉ. सुनीलम

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किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में बैतूल जिले को स्थान नहीं दिए जाने को भारतीय जनता पार्टी की बैतूल जिले के प्रति भेदभावपूर्ण दृष्टि और नीति बतलाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी, बैतूल जिले से वोट तो ले लेती है लेकिन जिले के जनप्रतिनिधियों को मंत्रिमंडल में जगह देने की आवश्यकता नही समझती है।
डॉ.सुनीलम ने कहा कि बैतूल जिले के साथ भारतीय जनता पार्टी का यह भेदभाव पूर्ण रवैया नया नहीं है। विजय कुमार खंडेलवाल को बैतूल -हरदा जिले के मतदाताओं ने चार बार सांसद बनाया एक बार उनके बेटे हेमंत खंडेलवाल भी सांसद बने लेकिन उन्हें कभी भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया। इतना ही नहीं अब तक 9 बार बैतूल जिले ने भा ज पा को सांसद दिए लेकिन किसी को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया।
डॉ सुनीलम ने कहा कि भाजपा को लगता है कि बैतूल जिला आदिवासी एवं किसान बाहुल्य जिला है इस कारण इन्हें बिना प्रतिनिधित्व दिए ही गुलाम बनाकर रखा जा सकता है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की इस भेदभावपूर्ण नीति के चलते बैतूल जिला विकास की दौड़ में काफी पिछड़ गया है, जिसके परिणामस्वरुप बैतूल जिले में न तो नए कारखाने या नई परियोजनाएं खुल रही है, न ही खदानें खोली जा रही है। आमला और पाथाखेड़ा जो बैतूल जिले के विकास के दो केंद्र थे, वहां आज बेरोजगारी चरम पर है।
डॉ सुनीलम ने बैतूल वासियों से अपील की है कि वे इस भेदभाव के खिलाफ सामने आकर ऐलान करें कि जिले को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर बैतूल जिला, भाजपा का साथ नहीं देगा।

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