भारत और अमेरिका की दोस्ती में चढ़ा नया रंग,मोदी और बिडेन की मीटिंग में हो सकते है कई एहम समझौते !
भारत को NATO प्लस बनाना चाहता था अमेरिका
मोदी जी के अमेरिका (America) दौरे से पहले यही माना जा रहा है की कई बड़े समझौते संभव है,बताया जा रहा है की अमेरिका जो टेक्नोलॉजी (Technology) NATO देशो के साथ साझा करता है वही वह भारत के साथ साझा करना चाहता है , जैसे स्पेस और परमाणु तकनीक ! अमेरिका के संसद में एक समिति ने हिदुस्तान को नाटो प्लस (NATO PLUS) बनाने की मांग की है ,बताते चले की नाटो प्लस है क्या , इसमे वे देश रहते है जो कार्य-नीति-सम्बन्धी से ना जुड़ कर अपने आप को निष्पक्ष रह कर साझेदारी कायम करना चाहते है ! 6जी टेक्नोलॉजी (6G Tenchology) जैसे एडवांस सर्विलांस जो की समुद्र और जमीने सुरक्षा को बढ़ाते है , एडवांस AI तकनीक जो अन्य कार्यो में लाभकारी है इसी के साथ क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum technology) जो अभी के समय की सबसे तेज कंप्यूटर तकनीक है , NASA और ISRO की मैत्री ट्रेनिंग भी शामिल है ! लेकिन भारत ने साफ़ शब्दों मे कहा की वह किसी भी ऐसे संगठन का हिंसा नहीं बनेगा क्यूकि भारत एक गुट निरपेक्ष देश है !
भारतीय NSA और अमेरिकन NSA की होगी मुलाकात
भारत के राष्ट्र सुरक्षा सलहाकार अजित डोवाल (Ajith Doval) और अमेरिकी सलहाकार जैक सुलीवन (Jack sullvian) के बिच 12-13 जून को एक महवपूर्ण मीटिंग होगी , इससे पहले भी कई अधिकारियो की मीटिंग अमेरिकन अधिकारियो के साथ हो चुके है जैसे अमेरिकन विदेश मंत्री लॉयड आउस्टिंन भारत के दौरे पर आये भारतीय विदेश सचिव पीके मिश्रा (P K Mishra) अमेरिका गए थे वह वे वाणिज्य मंत्री जिना रैमोंडा से मिले थे !
NATO क्या है?
NATO का मतलब है नार्थ एटलांटा ट्रीटी आर्गेनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organization) यह संस्था 4 अप्रैल 1949 को बानी थी इसके 30 सदस्य थे जो की अब 2023 में बढ़ कर 31 हो गए अभी नया सदस्य फ़िनलैंड (Finland) बना है , इसके मुखिया सदस्य अमेरिका,ब्रिटैन,फ्रांस आदि है , इसका मुख्या कार्य सोवियत संघ की बढ़ती ताकत को रोकना था और मुकाबला करना था, अब यह अपने आप को लोकतंत्र के रक्षक बताते है , NATO के किसी भी सदस्य पर हमला होता है , तो वो सभी देश पर हमला माना जाता है,यदि अभी के समय की बात करे तो नाटो के 31 सदस्य है पर जब इसकी संस्थापना की गयी थी तब इसके केवल 12 ही सदस्य थे,रूस-यूक्रेन के युद्व मे यूक्रेन (Ukraine) नाटो (NATO) का सदस्य बनाना चाहता है !
विदेश मंत्री S. जय शंकर ने दिया अमेरिका को साफ़ जवाब
मोदी जी के अमेरिकन दौरे से पहले जो की 21 से 24 जून को है विदेश मंत्री S. जय शंकर (Dr S.Jaishankar) ने अमेरिका को साफ़ शब्दों मे कहा है NATO सैन्य संगठन भारत के लिए उपयुक्त नहीं है की उन्होंने ऐसे समय मे ऐसा फैसला आया है जब खुद अमेरिकन कांग्रेस ने मोदी जी को उनकी अध्यक्ष्ता के लिए बुलाया था मगर भारत किसी भी संगठन का हिंसा नहीं बने गए क्यूकि भारत एक गुट निर्पेक्ष देश है और वो किसी भी ऐसे संगठन का साथ नहीं देगा जो किसी भी मामले को सैन्य बल से सँभालने की इच्छा रखता हो,उनका कहना साफ़ है की NATO भारत के लिए उपयुक्त नहीं है!